तीन साल से इन शिक्षकों को नहीं मिला मानदेय, 3 साल से हो रहा आर्थिक और मानसिक शोषण
प्रयागराज:- यूपी में बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा दे रहे संविदा शिक्षक 3 साल से मानदेय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। केंद्र पूर्वनिर्धारित व्यवसायिक शिक्षा योजना के तहत वर्ष 2017-18 में प्रदेश के 200 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में आईटी, रिटेल, आटोमोटिव व सिक्योरिटी ट्रेड का प्रशिक्षण शुरू किया गया था।
प्रत्येक स्कूल में दो-दो ट्रेड आवंटित हुए थे और उन्हें पढ़ाने के लिए आउटसोर्सिंग के आधार पर दो-दो शिक्षक रखे गए थे। प्रत्येक शिक्षक को ₹10000 मानदेय देने का आश्वासन दिया गया था। 5 से 9 मार्च 2019 तक भोपाल स्थित पंडित सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशिक्षण संस्थान में इन शिक्षकों की ट्रेनिंग भी कराई गई। इन शिक्षकों ने दो सत्रों में पढ़ाया लेकिन माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बिना भुगतान किए 2019 में यह योजना बंद कर दी। इसके बाद महामारी के कारण स्कूल बंद हो गए और प्रदेश भर के 400 संविदा शिक्षक मानदेय के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
जीजीआईसी फाफामऊ में रिटेल के संविदा शिक्षक राहुल शुक्ला का कहना है कि उन लोगों ने कई बार मानदेय भुगतान के लिए पत्राचार किया आइजीआरएस से लेकर RTI तक लगाई, लेकिन हर बार एक ही जवाब मिलता की प्रक्रिया चल रही है 3 साल से आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा है।