निरीक्षण में फिसड्डी निकला जिला और विकासखंड स्तरीय टास्क फोर्स, महानिदेशक विजय किरन आनंद ने इस पर जताई चिंता, सभी जिलाधिकारियों को लिखा पत्र

लखनऊ। प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के निरीक्षण में जनपद व विकासखंड स्तरीय टास्क फोर्स फिसड्डी साबित हो रही हैं। टास्क फोर्स में जिला प्रशासन व विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल होते हैं। इनके प्रत्येक सदस्य को पांच पांच विद्यालयों का निरीक्षण करने के निर्देश हैं। पर वर्तमान सत्र में ये टास्क फोर्स निरीक्षण में रुचि नहीं ले रही हैं। जुलाई में टास्क फोर्स ने महज 20 फीसदी ही निरीक्षण किया।महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस पर चिंता जताते हुए सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। इसमें टास्क फोर्स सदस्यों से लक्ष्य के अनुरूप स्थलीय निरीक्षण कराने के लिए कहा गया है।

जुलाई में स्तरीय टास्क फोर्स को 4,125 विद्यालयों का निरीक्षण करना था, लेकिन 840 विद्यालयों का ही निरीक्षण किया गया। इसी तरह विकासखंड स्तर पर 17,036 विद्यालयों के निरीक्षण का लक्ष्य था, लेकिन यहां भी 3,335 विद्यालयों का निरीक्षण किया गया।गौरतलब है कि जिले स्तर की 12 सदस्यीय टास्क फोर्स में समाज कल्याण अधिकारी, सीएमओ, डीपीआरओ समेत जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल होते हैं। वहीं विकासखंड स्तरीय टास्क फोर्स आठ सदस्यीय होती है और इसमें एसडीएम, बीडीओ, सीएचसी प्रभारी समेत अन्य अधिकारी शामिल होते हैं।

प्रधानाध्यापकों व शिक्षक संकुल की बैठकें भी हो रहीं कम

शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रधानाध्यापकों के साथ मासिक बैठक के साथ ही शिक्षक संकुल की बैठकें होनी हैं। जुलाई की समीक्षा में इन बैठकों की स्थिति भी ठीक नहीं रहीं। प्रधानाध्यापकों के साथ 45 फीसदी और शिक्षक संकुल की बैठकें लक्ष्य के मुकाबले 35 फीसदी ही हुई। महानिदेशक ने जिलाधिकारियों से इन बैठकों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए भी कहा है। वहीं बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारियों, जिला समन्वयक मिड डे मील, एआरपी, एसआरजी व डायट मेंटर का विद्यालय निरीक्षण का प्रतिशत सही रहा है।


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