कृषि कानून वापसी ने कर्मचारियों को भी दिया नया जोश, लखनऊ में जुटे 50 से ज्यादा संगठनों के 50 हजार कर्मचारी

लखनऊ:- कृषि कानूनों की वापसी ने कर्मचारियों में भी नया जोश भर दिया है। उन्हें भी लगने लगा है कि दबाव बनाने पर मांग मानी जा सकती है। इसी को लेकर रविवार को कर्मचारी संगठनों ने लखनऊ में हल्ला बोल और पुरानी पेंशन बहाली की मांग दोहराते हुए हुंकार लगाई रविवार को ऑल टीचर्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन अटेवा पेंशन बचाओ मंच की ओर से पेंशन शंखनाद रैली का आयोजन किया गया इको गार्डन धरना स्थल पर 50 से अधिक संगठनों के 50 हजार कर्मचारी पहुंचे हाथों में तिरंगा और अलग-अलग स्लोगन लिखी तख्तियां के साथ कहीं नारेबाजी होती रही तो कहीं तरह तरह से विरोध प्रदर्शन होता रहा।

बताया गया कि अभी सैकड़ों कर्मचारी रास्ते में हैं और धरना स्थल पहुंच रहे हैं उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने बताया कि सरकार के खिलाफ सब एक साथ लड़ाई लड़ेंगे अयोध्या आजमगढ़, मऊ, बरेली, बलिया, बनारस, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, देवरिया, गोरखपुर, फिरोजाबाद, कानपुर फतेहपुर, उन्नाव सहित अन्य शहरों से हजारों की संख्या में कर्मचारी पहुंचे। दुबे का दावा है कि रैली में पूरे प्रदेश से हजारों की संख्या में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी शामिल होने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन की लड़ाई में यह शंखनाद रैली निर्णायक साबित होगी।

अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि कृषि कानूनों की तरह न्यू पेंशन स्कीम एनपीएस व्यवस्था को वापस लेकर लाखों लाख शिक्षकों कर्मचारियों व अधिकारियों को बुढ़ापे में पुरानी पेंशन का संबल प्रदान करें। उन्होंने सभी से निवेदन किया कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से अपनी बात सरकार तक पहुंचाना है। प्रदेश महामंत्री डॉ नीरज पति त्रिपाठी ने कहा कि पूरे प्रदेश के शिक्षक सफाई कर्मचारी सहित कई अन्य विभागों के कर्मचारी रैली स्थल पर पहुंचे हैं। इको गार्डन कर्मचारियों से भर गया है चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने कहा कि सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करेंगे पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ कर्मचारी नेता भारत सिंह यादव ने कहा कि पेंशन शंखनाद रैली में पीडब्ल्यूडी के सभी जिलों के कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर कमर कस ली है।

2005 से नई पेंशन व्यवस्था लागू है:-

यूपी समेत देश के ज्यादातर राज्यों में 2005 के बाद से नई पेंशन व्यवस्था लागू है। कर्मचारियों ने इसको जुंआ बताया है। आरोप है कि इसमें कर्मचारियों को नुकसान होगा। इसके अलावा पर्याप्त पेंशन भी नहीं मिलेगी ऐसे में एक बार फिर से पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग की जा रही है श्रम एवं सेवायोजन के महामंत्री अमित कुमार यादव ने कहा कि पेंशन शंखनाद रैली ऐतिहासिक होगी। इससे पहले तैयारी बैठक में विभिन्न संगठनों के अध्यक्ष व महामंत्री शामिल हुए और सभी ने बढ़ चढ़कर रैली में हिस्सा लेने की अपील की थी।


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