विशिष्ट बीटीसी 2004 प्रशिक्षुओं को दो-दो लाख रुपए भत्ता देने की प्रक्रिया शुरू

प्रमुख संवाददाता,प्रयागराज।विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच में प्रशिक्षण के बावजूद सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति से वंचित प्रदेशभर के तकरीबन 500 बेरोजगारों को दो-दो लाख रुपये से अधिक स्टाइपेंड (भत्ता) देने की प्रक्रिया सरकार ने तेज कर दी है। इस संबंध में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्यों को 20 जुलाई को पत्र लिखकर सूचना मांगी है।

प्रशिक्षण पूरा होने के बाद से नियुक्ति होने तक 2500 रुपये प्रतिमाह भत्ता देने के हाईकोर्ट के 18 फरवरी 2020 के आदेश के क्रम में तय प्रोफार्मा पर सूचना देने को कहा है। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2004 के अंतर्गत 23 अगस्त 2010 से पूर्व चयनित प्रशिक्षुओं की संख्या, विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2004 के अंतर्गत हाईकोर्ट के आदेशों के क्रम में 23 अगस्त 2010 के बाद चयनित प्रशिक्षुओं की संख्या और प्रशिक्षण समाप्ति से नियुक्ति तिथि के मध्य अवधि के किए गए मानदेय भुगतान तथा अवशेष मानदेय से संबंधित संख्या एवं विवरण देने को कहा है।

मानदेय भुगतान से संबंधित विशेष अपील के 18 याचीगणों के बारे में भी पूछा है कि अब तक इनकी नियुक्ति हुई या नहीं है। गौरतलब है कि दूरस्थ विधि से बीएड और विशिष्ट बीटीसी 2004 में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बेरोजगारों को हाईकोर्ट ने शासनादेश के अनुसार प्रशिक्षण पूरा होने के बाद से नियुक्ति तक भत्ता देने के आदेश दिए थे जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल अपील की थी जो 11 जुलाई को खारिज हो गई थी।सितंबर 2014 में प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अब तक बेरोजगार प्रशिक्षुओं का सात साल नौ महीने का 2500-2500 रुपये प्रतिमाह की दर से भत्ता जोड़ें तो प्रत्येक बेरोजगार का 2.32 लाख बकाया सरकार पर बनता है।


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