शासनादेश में 30 अप्रैल की छात्र संख्या को बनाया आधार

इसी के आधार पर पिछली बार 2017 में रुक गया था

प्रयागराज:-परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के तबादले की राह आसान नहीं होगी । प्रमुख सचिव दीपक कुमार की ओर 27 जुलाई को जारी जिले अंदर स्थानान्तरण आदेश में 30 अप्रैल 2022 की छात्रसंख्या को आधार बनाया गया है जबकि स्कूलों में बच्चों का प्रवेश अभी तक चल रहा है । ऐसे में 30 अप्रैल की छात्रसंख्या के आधार पर सरप्लस होने पर असंतुष्ट शिक्षकों का कोर्ट जाना तय है । ठीक ऐसा ही मामला 2017 हुआ था और जिले के अंदर तबादले नहीं हो सके थे । 13 जून 2017 आदेश में सरकार ने 30 अप्रैल छात्रसंख्या को आधार बनाया जबकि स्कूलों में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 जुलाई रखी थी । बेसिक शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल की छात्रसंख्या के आधार पर जिन शिक्षकों को सरप्लस घोषित किया था उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका कर दी और उनको कार्यमुक्त करने पर रोक लग गई थी ।

निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम ( आरटीई तहत प्राथमिक स्कूलों में 30 बच्चों और उच्च प्राथमिक में 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए । उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित / विज्ञान सामाजिक विषय एक शिक्षक होने चाहिए ।

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 27 जुलाई के शासनादेश में ओपन ट्रांसफर जैसी कोई बात नहीं । ट्रांसफर के नाम पर समायोजन का झुनझुना थमा दिया गया है । तमाम शिक्षक दंपती पिछले कई वर्षों से अलग – अलग ब्लॉक में 100 से 150 किमी की दूरी पर तैनात हैं और बच्चों के पालन – पोषण में कठिनाई उठा रहे हैं । तबादला आदेश में उनको 10 अंकों का वेटेज तो मिला है लेकिन उन्हें आवेदन का मौका ही नहीं मिलेगा क्योंकि वही के शिक्षक आवेदन कर सकेंगे जहां शिक्षक सरप्लस यानी छात्र शिक्षक अनुपात अधिक हैं ।

ट्रांसफर नजदीक के ब्लॉकों में तैनाती से अव्यवस्था

प्रयागराज । पिछले कई वर्षों में नई नियुक्ति और अंतरजनपदीय स्थानांतरण से आए पुरुष शिक्षकों को शहर के नजदीक के ब्लॉकों में तैनाती देने के कारण इन विद्यालयों में शिक्षक सरप्लस हो गए हैं । तैनाती नियामवली 2010 के अनुसार पुरुष शिक्षकों को नई नियुक्ति या अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद प्रथम पांच वर्ष पिछड़े या सुदूर ब्लॉकों में अनिवार्य रूप से सेवा देनी होगी । महिला शिक्षिकाओं को पूरे सेवाकाल में दो वर्ष पिछड़े ब्लॉक में सेवा करना अनिवार्य है । लेकिन तमाम शिक्षकों ने सामान्य या शहर से नजदीक के ब्लॉक में तैनाती पा ली है.


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