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परिषदीय विद्यालयों की परीक्षा को ताक पर रख लगी शिक्षकों की ड्यूटी, प्राइमरी स्कूल एकल शिक्षक या शिक्षामित्रों के भरोसे


लखनऊ:-यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी लगने से प्राइमरी स्कूलों की परीक्षाओं पर संकट आ गया है। कई जिलों में 80 फीसदी से ज्यादा शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई है जिससे प्राइमरी स्कूल या तो एकल शिक्षक या फिर शिक्षामित्रों-अनुदेशकों के भरोसे हैं। वह भी तब जब 22 मार्च से प्राइमरी स्कूलों में परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और 30-31 मार्च तक रिजल्ट बनना है।यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 मार्च से 13 अप्रैल तक है। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को 13 अप्रैल तक कार्यमुक्त किया गया है। ऐसे में स्कूलों में परीक्षा करवाना, कॉपियां जांचने, रिजल्ट तैयार करने व टीसी देने का काम शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के जिम्मे है। एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है।

लखनऊ के बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को पत्र लिख कर मार्गदर्शन मांगा है कि बोर्ड परीक्षाओं में ड्यूटी लगने से कई स्कूल या तो एकल शिक्षक वाले हो गए हैं या फिर एक भी शिक्षक नहीं बचा है। ऐसे में प्राइमरी स्कूलों की परीक्षाओं पर संकट है। वहीं उनके मूल स्कूल से 40-45 किमी दूर उनकी ड्यूटी लगाई गई है जबकि कई शिक्षक दिव्यांग भी हैं।

अलीगढ़ के बीएसए ने सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि ऐसे शिक्षक को ड्यूटी के लिए कार्यमुक्त न किया जाए जिससे स्कूल बंद होने की नौबत आ जाए। वहीं प्रतापगढ़ के बीएसए भूपेन्द्र सिंह और अम्बेडकरनगर के बीएसए भोलेन्द्र प्रताप सिंह ने भी आदेश जारी किया है कि केन्द्र व्यवस्थापक के साथ समन्वय स्थापित कर प्रधानाध्यापक और एक वरिष्ठ शिक्षक को कार्यमुक्त न किया जाए क्योंकि स्कूलों में परीक्षाएं होनी हैं।

सीतापुर के बीएसए अजीत कुमार ने जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र लिख कर हाथ खड़े कर दिए हैं कि कई स्कूल के शतप्रतिशत शिक्षकों की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक में लग गई है। लिहाजा 50 फीसदी शिक्षकों की ड्यूटी ही लगाई जाए और प्रधानाध्यापकों को इस ड्यूटी से मुक्त रखा जाए।

“अधिकारियों ने बिना परीषदीय स्कूलों की परीक्षाओं का ध्यान रखे शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी। ऐसे में पूरे प्रदेश में 80 फीसदी से ज्यादा स्कूल एकल शिक्षक या शिक्षामित्र-अनुदेशकों के भरोसे हैं। अधिकारियों को परिषदीय स्कूलों की परीक्षाओं के महत्व को भी ध्यान में रखना चाहिए।”-संतोष तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन


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