बेसिक शिक्षा: कहीं शिक्षक बनने का जश्न, कहीं अंतहीन इंतजार

प्रयागराज:- परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 12460 सहायक अध्यापक भर्ती किसी के लिए जश्न तो किसी के लिए अंतहीन इंतजार का सबब बनी हुई है। इस भर्ती में चयनित शिक्षकों ने नियुक्ति के चार साल पूरे होने पर शनिवार को शिक्षा निदेशालय में सुंदरकांड का पाठ किया। वहीं शून्य जनपद के विवाद के कारण लगभग छह हजार बेरोजगार पिछले चार साल से हाईकोर्ट का चक्कर काट रहे हैं। 15 दिसंबर 2016 को जारी 12460 शिक्षक भर्ती के विज्ञापन में 24 जिलों में एक भी रिक्त पद नहीं थे। इन 24 जिलों के अभ्यर्थियों को किसी भी अन्य जनपद में आवेदन करने की छूट थी। 16 मार्च 2017 को पहली काउंसिलिंग हुई, लेकिन समीक्षा के नाम पर सरकार ने 23 मार्च 2017 को भर्ती पर रोक लगा दी। 16 अप्रैल 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भर्ती शुरू की अनुमति दी। 23 अप्रैल 2018 को पुनः सभी चयनित अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई। 27 अप्रैल 2018 को हाईकोर्ट ने 24 शून्य जनपद के चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र पर रोक लगा दी। 5948 चयनितों का नियुक्ति पत्र फंसा हुआ है। यह विवाद आज तक हाईकोर्ट में लंबित है। इन अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र भी चार साल से बीएसए कार्यालयों में जमा हैं।

हर साल सुंदरकांड की मानी थी मन्नत

एक मई 2018 को नियुक्ति का आदेश होने पर चयनित अभ्यर्थियों ने हर साल सुंदरकांड का पाठ करने की मन्नत मानी थी। हर साल जून के दूसरे शनिवार को ये शिक्षक शिक्षा निदेशालय में सुंदरकांड का पाठ करने के लिए जुटते हैं। 2018 और 2019 में आयोजन हुआ लेकिन 2020 और 2021 में कोरोना के कारण शिक्षक नहीं आ सके।

सभी भर्तियों के निस्तारण की कामना

शिक्षकों ने रामचरितमानस सुंदरकांड के संगीतमय पाठ का आयोजन किया। आरती के बाद प्रसाद का वितरण हुआ। आयोजकों ने सभी भर्तियों के निस्तारण व शिक्षकों के कल्याण की कामना की। पाठ करने वालों में अधिवक्ता तरुण अग्रवाल, रवि प्रसाद तिवारी, लीगल टीम से अतुल द्विवेदी, दीपक सिंह ध्येय, कोमल यादव, सुमित ओझा, सौरभ केशरी, दिग्विजय यादव, रामराज भारती, शुक्र प्रताप, सतीश कुमार, संदीप तिवारी आदि शामिल रहे।


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