झाँसी : बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के लिए नवीन छात्रों का प्रवेश जी का जंजाल साबित हो रहा है । बेसिक शिक्षा विभाग के आदेशों से शिक्षकों की सेवा पर ‘ तलवार ‘ लटक रही है । विद्यालय में कम नामांकन होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने लगभग 5 दर्जन शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध करने का फरमान जारी कर दिया , जिससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है । 3 अप्रैल से जिले में ‘ स्कूल चलो अभियान का शुभारम्भ हो गया । गाँव के मजरे – मजरे में रैलियाँ निकालकर बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराने का प्रचार किया जा रहा है , इसके बावजूद भीषण गर्मी और गेहूँ की कटाई के असर से विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने की बात तो दूर , छात्रों की उपस्थिति में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है । शिक्षक इस गर्मी में गाँव की पगडण्डियों में 6 वर्ष की आयु के बच्चों को खोजने में पसीना बहा रहे हैं । प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में लगभग 1.80 करोड़ बच्चे अध्ययनरत हैं । स्कूल चलो अभियान के शुभारम्भ पर मुख्यमन्त्री ने यह संख्या 2 करोड़ तक पहुँचाने की इच्छा व्यक्त की , और इसके बाद से ही शासन एवं जिला प्रशासन के अधिकारी प्रतिदिन नवीन प्रवेश की समीक्षा कर रहे हैं । निदेशक बेसिक शिक्षा ने जनपदवार नवीन प्रवेश का लक्ष्य निर्धारित किया है । इस लक्ष्य के अनुसार जनपद को 29,768 नवीन प्रवेश का लक्ष्य दिया गया है । इसके सापेक्ष अब तक 24 हज़ार से अधिक नए बच्चों का नामांकन हो गया है ।

प्रत्येक विद्यालय को गत वर्ष के नामांकन में लगभग 15 प्रतिशत अधिक नामांकन बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । इसके लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी , एआरपी एवं संकुल शिक्षकों को प्रतिदिन नवीन प्रवेश की जानकारी मुख्य विकास अधिकारी को भेजनी होती है । नामांकन में अपेक्षाकृत वृद्धि न होने से गत दिवस बीएसए ने वेतन अवरोध करने का चेतावनी पत्र जारी किया था , इसके बाबजूद नामांकन प्रक्रिया ने गति नहीं पकड़ी । बीएसए वेद राम ने बंगरा ब्लॉक के 10 प्रधानध्यापक , मऊरानीपुर ब्लॉक के 10 , चिरगाँव 5 , बड़ागाँव 5 , बबीना 5 , बामौर 10 , गुरसराय 5 एवं मोठ ब्लॉक के 9 प्रधानाध्यापकों एवं प्रभारी प्रधानाध्यापकों के विद्यालय में नामांकन की प्रगति न्यून पाए जाने पर लक्ष्य पूर्ति तक वेतन अवरुद्ध करने का आदेश जारी कर दिया । इससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है । शिक्षकों का कहना है कि परिषदीय विद्यालयों में नवीन शैक्षिक सत्र भले ही अप्रैल माह से प्रारम्भ होने लगा है । पर ग्रामीणजन अपने बच्चे का नामांकन जुलाई – अगस्त माह में ही अधिक संख्या में कराते हैं । उल्लेखनीय है कि परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश की अन्तिम तिथि 30 सितम्बर है । शिक्षकों का कहना है कि जब कई गाँवों में विद्यालय न जाने वाले बच्चे शेष ही नहीं है तो ऐसे में किस बच्चे का प्रवेश करें ? कहाँ से लाएं बच्चे ? नामांकन में कमी के लिए अकेले हेडमास्टर पर कार्यवाही उचित नहीं है । नामांकन के लिए इस तरह से दबाव बनाने से फर्जी नामांकन करने को मजबूर किया जा रहा है ।


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