16 जून 2022 से खुल जाएंगे सभी प्राथमिक स्कूल

बहराइच:- बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित प्राथमिक , उच्च प्राथमिक व संविलियन विद्यालयों के शिक्षकों को जिस प्रकार से गैर शैक्षणिक कार्य सौंपे जाते हैं उससे उनको परेश उठानी पड़ती है । साथ ही कक्षाओं का संचालन भी प्रभावित होता है । 16 जून से सभी प्राथमिक विद्यालय ग्रीष्मावकाश के बाद खुल जाएंगे । हालांकि , शिक्षकों के गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त रहने से कक्षाओं का संचालन कैसे होगा इस पर संशय की स्थिति बनी हुई है । प्राथमिक विद्यालयों में नौनिहालों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है । इसके लिए डीबीटी मिड – डे मील व छात्रवृत्ति समेत अन्य योजनाएं भी चलाई जा रही हैं , लेकिन विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को गैर शैक्षणिक जिम्मेदारी सौंपे जाने से शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं ।

शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्यों के बोझ तले दबे नजर आ रहे हैं । अलग – अलग समय पर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों के संपादन में जुटना पड़ रहा है । इन्हें खातों की फीडिंग , बच्चों की फोटो अपलोड करने , हाउस होल्ड सर्वे , स्कूल चलो अभियान रैली , अभिभावक संपर्क , प्रेरणा पोर्टल पर विवरण फीडिंग , अभिभावकों के बैंक खातों की पोर्टल पर फीडिंग , मिड – डे मील की व्यवस्था , कंपोजिट ग्रांट से खरीद , एसएमसी की बैठक , पीटीए की बैठक , रसोइयों का चयन , एसएमसी खाते का प्रबंधन , मिड डे मील के खाते का प्रबंधन , बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी , बीएलओ ड्यूटी , जनगणना चुनाव ड्यूटी , संकुल व बीआरसी की बैठक , वित्तीय खातों का हिसाब करना , विद्यालय के अभिलेख तैयार करना , – पुताई , मिशन शक्ति. कार्यक्रम , अमृत महोत्सव कार्यक्रम , स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम व शिक्षक डायरी भरने के साथ ही अन्य कार्य सौंपे जा रहे हैं । ऐसे में शिक्षक कई औपचारिकताओं व गैर सरकारी कार्यों के बीच उलझे रहते हैं जिसका सीधा प्रभाव शैक्षणिक कार्यों पर पड़ता है ।

“शासन के आदेशों का करना होगा पालन शिक्षकों को शासन के आदेश से ही कार्य सौंपे जाते हैं । शासन के आदेशों का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है । प्रयास किया जाता है कि शासन के आदेशों को पूरा करने के साथ ही बच्चों को बेहतर शिक्षा भी प्रदान की जाए ।” -अजय कुमार , बीएसए

कम शिक्षकों वाले स्कूलों में अधिक दिक्कत

जनपद में काफी संख्या में ऐसे विद्यालय भी हैं जहां निर्धारित मानक के सापेक्ष शिक्षकों की तैनाती काफी कम है । ऐसे में गैर शैक्षणिक कार्यों की वजह से इन विद्यालयों में पढ़ाई की गुणवत्ता पर अधिक असर पड़ता है । शिक्षक भी मजबूरी में प्रशासनिक कार्रवाई के डर से गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त दिखते हैं ।

16 से फिर शुरू होगा नामांकन अभियान

ग्रीष्मावकाश के बाद 16 जून से सभी विद्यालय फिर खुल रहे हैं । विद्यालय खुलने पर छात्र – छात्राओं का नामांकन लक्ष्य के सापेक्ष करने के लिए एक बार फिर शिक्षक घर – घर अभिभावकों से संपर्क के लिए निकलेंगे ।


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