टीईटी परीक्षा निरस्त होने से शिक्षक भर्ती होगी प्रभावित
प्रयागराज:- उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती परीक्षा यूपीटीईटी 2021 निरस्त होने से बेरोजगारों को तगड़ा झटका लगा है। डीएलएड बीटीसी और b.ed प्रशिक्षित बेरोजगार लंबे समय से भर्ती शुरू करने की मांग कर रहे थे 69000 शिक्षक भर्ती के बाद दूसरी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी। यूपीटीईटी के आयोजन से लाखों बेरोजगारों में नई भर्ती की उम्मीद जगी थी की विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले सरकार नहीं शिक्षक भर्ती शुरू कर सकती है लेकिन परीक्षा निरस्त होने से बेरोजगारों की उम्मीदों को झटका लगा है। नई शिक्षक भर्ती के लिए युवाओं ने 15 नवंबर को प्रयागराज में बड़ा प्रदर्शन किया था।
अभ्यर्थियों का कहना है कि टीईटी और सीटीईटी पास बेरोजगार शिक्षकों की संख्या लगभग 10 लाख है। अकेले डीएलएड बीटीसी के ही 5 लाख से अधिक प्रशिक्षित बेरोजगार हैं D.El.Ed 2017 बैच के आलोक मिश्रा का कहना है कि 2019 में 69000 शिक्षक भर्ती आने के बाद से कोई भर्ती नहीं आई है वैसे भी 1.37 शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पर समायोजन सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2017 में निरस्त होने के बाद दो किस्तों में 68500 , 69000 शिक्षक भर्ती निकाली गई थी। इसलिए आज से देखा जाए तो पिछले 5 साल से कोई नए पद शुरू नहीं हो सकी। उधर सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जून 2020 में इस बात को स्वीकार किया था कि परिषदीय विद्यालयों में 51112 पद खाली थे। हर साल औसतन 12000 प्राइमरी शिक्षक रिटायर होते हैं ऐसे में सहायक अध्यापकों के एक लाख से अधिक पद खाली हैं अब टीईटी 1 महीने चलने से आशंका है कि कहीं बीच में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी ना हो जाए ऐसा हुआ तो नहीं शिक्षक भर्ती की उम्मीद अगली सरकार से ही करनी होगी।