एनपीएस कटौती पर शिक्षक ने जताया विरोध

सिद्धार्थनगर:- जिले में प्रान आवंटन एवं एनपीएस कटौती के खराब स्थिति को देखते हुए मंगलवार को कार्यालय में अधिकारियों व शिक्षक संगठनों के पदाधिकारयों की बैठक हुई। बैठक में शिक्षक संगठनों ने एक स्वर से एनपीएस के कटौती और प्रान के आवंटित न कराए जाने की बात दोहराई। इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना के लिए निर्णायक संघर्ष करने का निर्णय लिया। संगठनों के इस विरोध के बाद बैठक बेनतीजा साबित हुई।

बैठक के दौरान वित्त एवं लेखाधिकारी निलोत्तम चौबे ने कहा कि एनपीएस की कटौती स्वैक्षिक नहीं बल्कि अनिवार्य है। जिले में मात्र 30 प्रतिशत शिक्षकों के प्रान आवंटित हैं और उनकी कटौती भी हो रही है। उन्होंने बताया कि नई अंशदान पेंशन योजना की कटौती के मामले में जनपद की स्थिति बेहद खराब है। इस पर उच्चाधिकारियों द्वारा रोष प्रकट किया जा रहा है, इसलिए सभी लोग प्रान आवंटित करा लें। जिससे कि एनपीएस की कटौती शुरू की जा सके। अन्यथा की दशा में वेतन बाधित हो सकता है।

उन्होंने सभी संगठन के पदाधिकारियों से शत-प्रतिशत प्रान आवंटन और एनपीएस के कटौती में सहयोग की अपील की। बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि जो अध्यापक प्रान आवंटित करा लिए है और स्वैच्छिक रूप से एनपीएस की कटौती कराना चाह रहे है उनकी कटौती की जाए और कटौती भी शो कराई जाए। शिक्षक नेताओं ने बैठक में कहा कि एनपीएस से भविष्य सुरक्षित नहीं है। वेतन भले कट जाए लेकिन प्रान के आवंटन और एनपीएस की कटौती नहीं कराई जाएगी। बैठक में बीईओ महेंद्र प्रसाद, रामू प्रसाद, ओपी मिश्र, राजेश कुमार, कुंवर विक्रम पांडेय, डॉ. अरुणेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, देवेन्द्र, विजयेन्द्र आदि मौजूद रहे।

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