स्थानान्तरण (Transfer)

बेसिक शिक्षा: आरटीई दरकिनार, तबादले के लिए अफसरों का अपना फॉर्मूला, नए शिक्षकों को दे दी पसंदीदा तैनाती


आरटीई दरकिनार, तबादले के लिए अफसरों का अपना फॉर्मूला

शिक्षा का अधिकार में छात्रसंख्या के आधार पर शिक्षकों की तैनाती का नियम

प्रयागराज:- बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों के मनमाने फैसलों से परिषदीय शिक्षकों के जिले के अंदर तबादले की आस सालों बाद भी पूरी होती नहीं दिख रही। आरटीई में छात्रसंख्या के अनुरूप शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की व्यवस्था दी गई है। लेकिन प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से 14 फरवरी 2023 को जारी मनमाने आदेश से शिक्षकों की नींद उड़ी हुई है।

आदेश में केवल ऐसे शिक्षकों का स्थानान्तरण/समायोजन की बात कही गई जिनकी संख्या प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में क्रमश आठ और छह से अधिक है। भले ही उन विद्यालयों में छात्र कम अथवा अधिक हो या फिर किसी विषय के शिक्षक का अभाव ही क्यों न हो। इसके अलावा जिन विद्यालयों में छात्र- शिक्षक अनुपात ठीक है वहां के शिक्षकों को भी स्थानांतरण से वंचित रखा गया है। जबकि आरटीई में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में क्रमश 30 व 35 छात्र-छात्राओं पर एक-एक शिक्षक की उपलब्धता की बात कही गई है। प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालय में गणित/विज्ञान, भाषा और सामाजिक विषय का एक शिक्षक होना भी अनिवार्य है।

गिनती के शिक्षकों को मिल पाएगा लाभ

नए आदेश से गिनती के शिक्षकों को स्थानान्तरण/समायोजन का लाभ मिल सकेगा। क्योंकि ऐसे स्कूलों की संख्या बहुत कम है जहां आठ या छह शिक्षक हों। आरटीई के अनुसार हर साल 31 जुलाई तक शिक्षकों का समायोजन होना चाहिए और शिक्षक छात्र अनुपात व शिक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी जिले की एनआईसी वेबसाइट पर होनी चाहिए। लेकिन प्रयागराज में 2018 के बाद से ऐसा कोई भी डाटा जिले की एनआईसी वेबसाइट पर नहीं दिया गया है।

परिषदीय शिक्षकों का पद जिला कैडर का है और उन्हें जनपदीय स्थानांतरण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। लेकिन ये शिक्षक वर्षों से तबादले के लिए तरस रहे हैं। तैनाती नियमावली के नियमों को दरकिनार करते हुए नई नियुक्तियों और अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण से आए पुरूष शिक्षकों को जिला मुख्यालय के नजदीकी विकासखंडों में नियुक्ति दे दी गई।

“हज़ारों पुरुष शिक्षकों की तैनाती नियम के विपरीत सामान्य / एचआरए ब्लॉक में कर दी गयी है, जबकि उनको पहले पांच साल पिछड़े ब्लॉक में कार्य करना था।”-अनिल राजभर, परिषदीय शिक्षक


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