हक की मांग: पुरानी पेंशन के लिए शिक्षक और कर्मचारियों ने भरी हुंकार

हक की मांग: पुरानी पेंशन के लिए शिक्षक और कर्मचारियों ने भरी हुंकार
प्रयागराज। अटेवा पेंशन बचाओ मंच के बैनर तले जुटे शिक्षकों और कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की मांग को लेकर मंगलवार को काला दिवस मनाया मनाया। इस दौरान कर्मचारियों ने एनपीएस-यूपीएस के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। अटेवा के जिलाध्यक्ष जीतेंद्र कुमार जीतू, प्रदेश संगठन मंत्री अशोक कुमार कनौजिया के नेतृत्व में शिक्षकों और लोक निर्माण कर्मचारियों सहित 72 विभागों के कर्मचारियों ने जिला पंचायत कार्यालय से जुलूस निकालकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि एनपीएस और यूपीएस के विरोध में पैरामिलिट्री जवानों सहित देशभर के एक करोड़ कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है और उनकी मांग है कि जब सांसद और विधायक को चार-चार पुरानी पेंशन मिल सकती है तो कर्मचारियों को क्यों नहीं, सरकार तुरंत पुरानी पेंशन बहाल करे।
कर्मचारी नेता रविशंकर मिश्र ने बताया कि यह आंदोलन शिक्षकों और कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए किया गया है। कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया और सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की पुरजोर मांग की। इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट अध्यक्ष देवराज सिंह, ठुकराई गुट जिला अध्यक्ष सुनील शुक्ल, देवराज यादव, वसीम अहमद, एकजुट संरक्षक डॉ. हरिप्रकाश यादव, विजय विद्रोही, पीडब्लूडी जिलाध्यक्ष फूलचंद यादव, धर्मराज यादव, राम अचल पाल, लाल जी पाल, राजेंद्र केसरवानी, संजीत कुमार, जयप्रकाश, संतोष गुप्ता, मनोज कुमार आदि मौजूद रहे।
यूनियन ने मनाया यूपीएस ब्लैक डे
प्रयागराज। नार्थ सेंट्रल रेलवे वर्कस यूनियन संबद्ध इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन एवं फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे के संयुक्त नेतृत्व में प्रयागराज जंक्शन पर मंगलवार को लंच समय में नारेबाजी की। सभी पेंशनविहीन रेलवे कर्मचारियों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर यूपीएस ब्लैक डे मनाया। इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नार्थ सेंट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन केंद्रीय महामंत्री मनोज पांडेय ने कहा कि यूपीएस का लागू होना कर्मचारी हित में नहीं है। कहा, एक मई को भारतीय रेलवे के लाखों कर्मचारी एनएमओपीएस के संयुक्त तत्वाधान में जन्तर मन्तर नई दिल्ली में अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। पुरानी पेंशन लागू करने के सरकार को मजबूर करेंगे। इस दौरान संदीप सिंह, शिवेन्द्र प्रताप सिंह, सैय्यद इरफात अली, विनोद कुमार रहे।