सच बोलने पर निलंबित हुई शिक्षिका आठवें दिन बहाल

पत्र पढ़कर डीएम ने समझा अध्यापिका का दर्द

सुल्तानपुर। जर्जर भवन में बच्चों को पढ़ाने वाली एक सरकारी अध्यापिका अफसरों को पत्र भेजकर भवन दुरुस्त कराने की मांग करती रही। इस बीच एक मीडियाकर्मियों ने उससे इस बावत कुछ सवाल किए तो उसने सच बता दिया। इस पर उसे निलंबित कर दिया गया। गनीमत रही कि डीएम जसजीत कौर ने उसका साथ दिया जिससे वह आठ दिन बाद फिर बहाल हो गई।

यह कहानी है शहर के डंड़वा परिषदीय विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापिका मालती सिंह की। जिस भवन में यह स्कूल चलता है, उसी में घरहा प्राइमरी पाठशाला भी है। मालती कुछ दिनों तक दोनों ही स्कूलों की प्रभारी रह चुकी हैं। घरहा स्कूल में दो कमरे हैं जो बुरी तरह जर्जर हैं जबकि डंड़वा का भी यही हाल है। इन दोनों स्कूलों की छत टूटती रहती हैं,

दीवारें भी काफी जर्जर हैं। स्कूल भवन की दुर्दशा को लेकर मालती सिंह ने वर्ष 2020 से ही बीईओ से बीएसए तक को अनेक पत्र भेजे किंतु अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।

जर्जर भवन के बारे में मीडिया को दिया गया मालती सिंह का बयान अफसरों को अखर गया। 12 सितंबर को मालती को बीएसए ने कार्यालय बुलाकर मौखिक स्पष्टीकरण लिया और शाम को निलंबित कर दिया। परेशान मालती ने सारी बात एक पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी जसजीत कौर को बताई और न्याय मांगा।

इसके बाद डीएम ने जब सख्त रुख अख्तियार किया तो 19 सितंबर को बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने मालती सिंह का निलंबन समाप्त कर दिया। कहा कि इस बारे में जांच पूर्ववत जारी रहेगी।


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