यूपी में कई और खिलाड़ियों को जल्दी ही मिलेगी सरकारी नौकरी

यूपी दिवस के समापन पर राजभवन में खिलाड़ियों का हुआ सम्मान समारोह

लखनऊ:-राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि राज्य सरकार जल्द ही कई अन्य खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने जा रही है। जब कोई खिलाड़ी बनता है तब उनकी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक क्षमता के साथ सबसे महत्वपूर्ण अनुशासन बढ़ता है।बिन अनुशासन मानव जीवन में गड़बड़ी होती है। परिणाम स्वरूप इज्जत पर भी आंच आती है। आमने-सामने जब खेलते हैं, तो कभी हार तो कभी जीत मिलती है। हार पर निराश न हों, आगे जीतने का प्रयास करना चाहिए और जब जीतते हैं तो आडंबर नहीं आना चाहिए।

राज्यपाल गुरुवार को राजभवन में कॉमनवेल्थ गेम्स-2022 व 36 वें नेशनल गेम्स-2022 में पदक जीतने व प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी को खेल के साथ पढ़ाई करते रहना चाहिए। प्रमाण पत्र के साथ आप खेल की दुनिया में नाम रोशन करते हैं। इससे अवसर जल्दी मिलता है।
नियुक्ति के लिए डिग्री व खिलाड़ी का प्रमाण पत्र है तो आपका चयन पहले होगा। क्षमता के अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए। मेरठ में खेल विश्वविद्यालय शिलान्यास के लिए जब पीएम आए थे तो खिलाड़ियों से चर्चा की थी कि आप जहां से आते है, वहां के प्राइमरी-सेकेंडरी स्कूल के बच्चों को सिखाओ। आपका टैलेंट आसपास के लोगों तक पहुंचना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियों को सम्मानित किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में जिन खिलाड़ियों ने पदक जीता, उन सभी को इकाना स्टेडियम में सम्मानित किया था। यूपी देश का इकलौता राज्य था, जिसने न सिर्फ अपने राज्य बल्कि मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को सम्मानित किया। पैरालंपिक में भी यूपी के खिलाड़ियों व मेडल जीतने वाले देश के खिलाड़ियों को मेरठ में सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल और इससे जुड़ी विभिन्न विधाओं को बढ़ाने के लिए आठ वर्ष में अनेक कार्यक्रम हुए। पीएम मोदी के मार्गदर्शन व प्रेरणा से खेलो इंडिया के कार्यक्रम बढ़े, उसके परिणाम दिख रहे हैं। प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने के लिए ओलंपिक या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी बनाने की दिशा में काम किए। दो खिलाड़ियों (ललित उपाध्याय व विजय यादव) को राजपत्रित अधिकारयों के रूप में नियुक्ति पत्र दिया। शीघ्र ही कई अन्य कोनौकरी देने जा रहे हैं। मेजर ध्यानचंद के नाम पर प्रदेश का पहला खेल विवि मेरठ में बनने जा रहा है।

राज्यपाल भी रही हैं कबड्डी व खो-खो की चैंपियन

राज्यपाल ने बताया कि वे विश्वविद्यालय में कबड्डी व खो-खो की चैंपियन थीं। बीएससी-एमएससी के साथ मैदान में जाकर खेलते और प्रतिभाग करते थे, फिर घर जाकर रोटी भी पकाती थी। मां छोटी आयु से यह सिखाती है, लेकिन आपकी भी रूचि होनी चाहिए। राज्यपाल ने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि बेटियां 240 किलो वजन उठा रही हैं। हम तो सब्जी लेने भी जाते हैं तो नौकर लेकर जाते हैं। मत भूलिए, मां ने आपकी सबसे अधिक मदद की है। आप मां-पिता को मत भूलिए। मैं विश्वविद्यालयों में भी कहती हूं कि अपना मेडल सबसे पहले मां को पहना देना और बोलना-मां तेरे प्रयास से यह मेडल प्राप्त हुआ है।

कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वालों का सम्मान

दिव्या काकरान- कांस्य (कुश्ती)-50 लाख ● सरिता रोमित सिंह-प्रतिभाग (एथलेटिक्स) -5 लाख ● पूनम यादव प्रतिभाग (भारोत्तोलन)-5 लाख ● पूर्णिमा पांडेय- प्रतिभाग (भारोत्तोलन) -5लाख ● रोहित यादव- प्रतिभाग (एथलेटिक्स) -5 लाख ● विश्वनाथ यादव- प्रतिभाग (ट्रायथलॉन) -5 लाख


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