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परिषदीय स्कूलों के बच्चे भी राज्य पर स्तर खेल सकेंगे,परिषदीय विद्यालय के हर बच्चे को खेलों से जोड़ेंगे


परिषदीय स्कूलों के बच्चे भी राज्य पर स्तर खेल सकेंगे,परिषदीय विद्यालय के हर बच्चे को खेलों से जोड़ेंगे

लखनऊ:-परिषदीय विद्यालयों के सभी बच्चों को खेलों से जोड़ने के साथ ही विद्यालय स्तर से राज्यस्तर की तक प्रतियोगिताओं में प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।शैक्षिक सत्र 2022-23 के लिए विभाग ने पूरे वर्ष में होने वाले खेलों का कैलेण्डर जारी कर दिया है। परिषदीय विद्यालयों के खेलों के आयोजन जुलाई माह से शुरू हो जाएंगे। नवम्बर माह तक प्रतियोगिताएं होंगी। बेसिक शिक्षा विभाग के खेल कैलेण्डर के अनुसार के बच्चों को सप्ताह में चार दिन खेलकूद और शेष दो दिन स्काउट व हर बच्चे को किसी न किसी खेल से जोड़ा जाएगा। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को सबसे पहले विद्यालय स्तर से पंचायत स्तर तक की खेल प्रतियोगिताओं में मौका मिलेगा। इसके बास विकास स्तर और जिला स्तर की प्रतियोगिताएं होंगी और चयनित छात्र-छात्राओं को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मिलेगा।

हर विद्यालय को खेलों के लिए धनराशि

परिषदीय विद्यालयों में खेल गतिविधियों को आयोजित करने के लिए धनराशि भेज दी गई है। खेलों के लिए प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय को पांच हजार व उच्च प्राथमिक विद्यालय को दस हजार रुपये की धनराशि भेजी गई है। शासन स्तर से निर्देश दिए गए हैं हर स्तर पर ट्रायल का आयोजन किया जाए।

किसी महीने में किस स्तर की खेल प्रतियेागिता

अगस्त माह- विद्यालय से पंचायत स्तर की प्रतियोगिता

सितम्बर माह- विकास खण्ड स्तर की प्रतियोगिता

अक्टूबर माह- जिला स्तर की प्रतियोगिता

नवम्बर माह- मंडल एवं राज्य स्तर की प्रतियोगिता

-परिषदीय विद्यालयों की संख्या- 1640

-छात्र-छात्राओं की संख्या- 2,18713

इन खेलों में छात्र दिखाएंगे प्रतिभा

कुश्ती

वालीबाल

खो-खो

एथलेटिक्स

टेबिल टेनिस

जिमनास्टिक

व्यायाम एवं विशेष प्रदर्शन

योगा

जूडो

बास्केटबाल

तैराकी

फुटबाल

क्रिकेट

कबड्डी

हाकी

हैंडबाल

बैडमिंटन

“खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के वाली टीम के चयन के लिए ट्रायल किए जाएंगे। जिस खेल में छात्र की रुचि होगी, उसे उस खेल से जोड़ा जाएगा। विद्यालय स्तर से लेकर टीम राज्य स्तर तक प्रतिभाग करेगी। विद्यालयों के खेला के प्रति बच्चों में उत्साह को बढ़ाना लक्ष्य है।-विजय प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी


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