रोक के बावजूद स्मार्टफोन की एंट्री बेदाग टीईटी परीक्षा कराना चुनौती

प्रयागराज:- 28 नवंबर को पेपर लीक के कारण निरस्त होने के बाद दोबारा 23 जनवरी 2022 को होने जा रही उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यूपीटीईटी 2021 को बेदाग कराना परीक्षा नियामक प्राधिकरण कार्यालय के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। सबसे बड़ी समस्या है कि तमाम केंद्रों पर स्मार्टफोन पर रोक नहीं लग पा रही है।

शासन ने पिछली कई परीक्षा से यह आदेश कर रखा है कि कक्ष निरीक्षक (शिक्षक), केंद्र व्यवस्थापक (प्रधानाचार्य), स्टाफ और निरीक्षण पर आने वाले अफसरों और मजिस्ट्रेट के पास केंद्र के अंदर स्मार्टफोन नहीं होना चाहिए। केवल कीपैड वाला सामान्य फोन बातचीत के लिए रह सकता है। लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के बाबू और कई स्कूलों के प्रधानाचार्य व स्टाफ परीक्षा के दौरान भी स्मार्टफोन को चोरी से इस्तेमाल करते हैं। 28 नवंबर को पेपर लीक के बाद ही प्रयागराज समेत कई जिलों में परीक्षा शुरू हो गई थी परीक्षा के दौरान कई केंद्र व्यवस्थापक होने व्हाट्सएप ग्रुपों पर अभ्यर्थियों की उपस्थिति अपडेट की थी यानी परीक्षा के दौरान प्रधानाचार्य अनधिकृत रूप से स्मार्ट फोन चला रहे थे। ऐसे में कोई प्रश्न पत्र की फोटो खींचकर वायरल कर दे तो हंगामा तय है सूत्रों के मुताबिक परीक्षा से पहले शासन स्तर पर होने जा रही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस बिंदु पर प्रमुखता से चर्चा होने जा रही है लापरवाही पर उड़नदस्ते में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.।

खास-बात

परीक्षा से 1 घंटे पहले खुलेंगे परीक्षा कक्ष और हाल।

पेपर शुरू होने से आधे घंटे पहले तक अभ्यर्थियों को अपना स्थान ग्रहण कर लेना है।

केंद्र अधीक्षक की अनुमति के बगैर अभ्यर्थी अपनी सीट या परीक्षा कक्ष नहीं छोड़ेंगे।

अभ्यर्थी अपने साथ कार्ड बोर्ड या कीबोर्ड ला सकते हैं लेकिन जिस पर कुछ लिखा नहीं होना चाहिए ताकि मेज की सतह समतल ना होने पर उपयोग कर सकें।


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