शिक्षामित्र एक रुपये महीना देकर आश्रित को मिलेगी 20 हजार पेंशन
कानपुर। किसी शिक्षामित्र या शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक की सेवाकाल में मौत होती है तो उसके आश्रित को लाखों रुपये की मदद संग पेंशन की राहत मिल सकेगा। बस इसके लिए 50-50 रुपये का सहयोग करना होगा। यही नहीं, मात्र 20-20 रुपये की मदद से मृतक की बेटियों की शादी भी हो सकेगी। इसके लिए संगठन की ओर से सोमवार से शिक्षा मित्र केयर योजना शुरू की गई है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और शिक्षामित्र केयर समिति के संस्थापक त्रिभुवन सिंह ने वेबसाइट www.scsup.in का उद्घाटन किया। पहले चरण में 20 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य है। हालांकि टारगेट 1.24 लाख शिक्षामित्रों को सदस्य बनाने का है। शर्त है कि जो शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने या वर्तमान में शिक्षामित्र हैं वह ही योजना के भागीदार बन सकते हैं। प्रत्येक सदस्य को हर वर्ष 50 रुपये फीस और तय शर्तों पर सहयोग राशि सम्बंधित खातों में डालनी होगी।
ऐसे काम करेगी यह समिति
सदस्य की मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी के खाते में सभी सदस्य 50-50 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करेंगे। 45 दिन का लॉकिंग पीरियड होगा। यदि सदस्य अपनी बेटी की शादी करना चाहता है तो हर सदस्य उसे 20-20 रुपये देगा। इसका लॉकिंग पीरियड छह माह रहेगा।पारिवारिक पेंशन के लिए हर सदस्य को एक-एक रुपये देना होगा। दो वर्ष तक परिवार को प्रतिमाह धनराशि मिलेगी। उदाहरण के लिए समिति के 20 हजार सदस्य हैं तो किसी शिक्षामित्र की मृत्यु होने नॉमिनी को 10 लाख, बेटी की शादी पर चार लाख, परिवार को पेंशन के रूप में प्रतिमाह 20 हजार मिल सकेंगे।
इन्हें नहीं मिलेगा कोई लाभ
यदि कोई वैध सदस्य की मृत्यु फांसी लगाता है या आत्महत्या करने का प्रयास करता है तो ऐसी स्थिति में कोई भी सहायता राशि नहीं दी जाएगी।
बीएसए ने नहीं किया उद्घाटन
संघ के प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने बताया कि तकनीकी कारणों से बीएसए ने वेबसाइट का उद्घाटन नहीं किया तो एबीएसए सुशील कुमार की उपस्थिति में बीएसए कार्यालय में किया उद्घाटन। उन्होंने बताया कि 25 जुलाई 2017 के बाद से अब तक 4000 से अधिक शिक्षामित्रों की मृत्यु हो चुकी है। एक जुलाई से अब तक 25 शिक्षामित्रों की मौत हो चुकी है।
शिक्षामित्र केयर फंड के जनपदवार प्रतिनिधि
विवेक मिश्रा कानपुर, विनीत दीक्षित कानपुर, ध्रुव जायसवाल कानपुर, सुशील तिवारी फतेहपुर, जगबीर भाटी नोएडा, प्रदीप सैनी सहारनपुर, रामशंकर राठौर बाराबंकी, किशोर राम गाजीपुर, ममता राज कासगंज, शंभूनाथ सिंह देवरिया, पदम सिंह संभल, पिंटू कुमार हापुड़, गौरव शुक्ला लखीमपुर, सतवंत राणा मुरादाबाद, मीना चौरसिया कुशीनगर, शैलेश यादव संभल, राजेंद्र सिंह हाथरस, नरेश कुमार सहारनपुर, सीमा कुमारी संभल, सूरज सक्सेना बरेली, पवन कुमार बिजनौर, शिवराज गौतम लखनऊ, अनिल विश्वकर्मा आजमगढ़, रीता देवी उन्नाव, मनोज पचौरी फिरोजाबाद, विजय प्रताप एटा और नरेश कुमार आगरा। इनके अतिरिक्त ओंकार सिंह, लीगल एडवाइजर, लखनऊ हाई कोर्ट बेंच और रामचंद्र सोलंकी लीगल एडवाइजर इलाहाबाद हाईकोर्ट।