शिक्षा मित्रों को शिक्षकों के समान वेतन नहीं दे सकेगी सरकार
लखनऊ: शिक्षा मित्रों को शिक्षकों के समान वेतनमान नहीं दिया जा सकता। दोनों की नियुक्ति की प्रकृति एवं शर्ते भिन्न हैं। विधान परिषद में बुधवार को सपा के डा. मानसिंह यादव के एक सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने यह स्पष्ट किया। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने की भी कोई योजना नहीं है। विधान परिषद में सपा सदस्य मान सिंह यादव ने सवाल किया कि क्या बेसिक शिक्षा मंत्री बताएंगे कि शिक्षा मित्रों और सहायक अध्यापकों द्वारा एक समान कार्य किया जाता है? यदि हां तो समान कार्य का समान वेतन दिलवाएंगे? इस पर शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने जवाब दिया कि सहायक अध्यापकों की नियुक्ति बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा मौलिक पद के प्रति की जाती है। शिक्षा मित्रों की नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति द्वारा संविदा के आधार पर 11 माह के लिए की जाती है। इनकी न कोई नियमावली है और न ही इन्हें वेतन दिया जाता है। दोनों की नियुक्ति की प्रकृति और शर्तें भिन्न होने कारण काम भी अलग हैं। ऐसे में शिक्षा मित्रों की सहायक अध्यापकों से तुलना करना औचित्यपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि समान वेतनमान देने की भी कोई योजना नहीं है। इस पर सपा सदस्यों ने कहा कि उनका कुछ मानदेय ही बढ़वा दीजिए। संदीप सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने ही 3500 से बढ़ाकर उनका मानदेय 10,000 रुपये किया था। फिलहाल, मानदेय बढ़ाने की भी कोई योजना नहीं है। पूर्व में 15240 शिक्षा मित्र जो सहायक अध्यापक की अर्हता पूरी करते थे, उन्हें सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति दी जा चुकी है।