यूपी में भीषण उमस और गर्मी, छोटे बच्चों के का विद्यालय समय बदलेगा? जानिए क्या है शासन की तैयारी
भीषण उमस एवं गर्मी के कारण स्कूलों में बच्चों के बेहोश हो जाने या बीमार हो जाने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पिछले सप्ताह से अब तक दो दर्जन से अधिक जिलों के बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारियों) ने स्कूल महानिदेशालय को पत्र भेज कर स्कूलों के समय में परिवर्तन करने को आदेश जारी करने की अनुमति मांगी है। कई बीएसए ने लिखा है कि गर्मी व उमस के कारण स्कूलों में बच्चों मुर्छित होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इससे माता-पिता व अभिभावक से लेकर शिक्षक संगठनों के बीच भी नाराजगी बढ़ रही है।
बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने भी अलग- अलग जिलों में बीएसए को ज्ञापन देकर स्कूलों के समय में बदलाव करने की मांग की है। एसोसिएशन ने कहा है कि माध्यमिक स्कूलों के बच्चे प्राइमरी स्कूलों के बच्चों से उम्र में बड़े हैं। इसके बावजूद उनके विद्यालय का संचालन का समय सुबह सात बजे से 12 बजे तक है जबकि प्राइमरी स्कूलों का समय पांच से छह घंटे हैं।
प्राइमरी से कम है बड़े कक्षाओं वाले शिक्षण संस्थाओ के संचालन की अवधि
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित सभी इण्टरमीडिएट कालेज में ग्रीष्मकालीन अवधि में विद्यालय संचालन की अवधि प्रतिदिन पांच घंटे हैं, जबकि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सभी महाविद्यालय में एक सप्ताह में (छः कार्यदिवस) में 24 पीरिएड(एक पीरिएड – 40 मिनट) अर्थात प्रतिदिन दो घंटे 40 मिनट निर्धारित है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूल, जहां 6 से 14 वर्ष की आयु के बालक-बालिका पढ़ते हैं, भीषण उमस व गर्मी में भी 6 घंटे संचालित किए जाते हैं।