गुणवत्तापरक शिक्षा की ओर सरकार का कदम, माध्यमिक स्कूल की मान्यता के लिए होना पड़ेगा ‘स्मार्ट’
अलीगढ़:- माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश से मान्यता लेने के लिए विद्यालय संचालक को पहले स्मार्ट क्लास का निर्माण कराना होगा। बिना स्मार्ट क्लास का निर्माण किए मान्यता की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके लिए कक्षा में प्रोजेक्टर, इंटरनेट आदि जरूरी उपकरण लगाए जाएंगे। आवेदक को आवेदन करने के साथ स्मार्ट क्लास होने का प्रमाणपत्र भी लगाना होगा। इसका सत्यापन शिक्षाधिकारियों की टीमों को करना होगा। दी गई सूचना गलत पाई जाती है तो आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।
गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए उठाया जा रहा कदम
माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों को आधुनिकता के साथ गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है। जिले में 35 राजकीय, 94 एडेड व करीब 799 वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय हैं। स्मार्ट क्लास के अलावा विद्यालय परिसर में खेल मैदान, विज्ञान लैब आदि कई बिंदुओं पर भी रिपोर्ट देनी होगी। फिट इंडिया मिशन से सभी विद्यालयों को जोड़ने के लिए हर संस्थान में खेल मैदान व खेलों की उचित व्यवस्था होना भी जरूरी है।
आनलाइन होगी आवेदन की प्रक्रिया
सकारात्मक रिपोर्ट लगाने व मान्यता की फाइल आगे बढ़ाने में पारदर्शिता बरती जाएगी। इसके लिए गठित निरीक्षण टीम रिपोर्ट तैयार कर डीआइओएस को देगी। डीआइओएस सुभाष बाबू गौतम ने बताया कि मान्यता के आवेदन की प्रक्रिया भी आनलाइन होगी। जिस विद्यालय की रिपोर्ट में स्मार्ट क्लास का जिक्र नहीं होगा, वो खुद ही मान्यता की रेस से बाहर हो जाएगा। मान्यता देने समय खेल सुविधा, विज्ञान लैब पर भी फोकस किया जाएगा।
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