देश में 11% स्कूली बच्चों को दृष्टि दोष की दिक्कत
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। देश में स्कूली बच्चों में कमजोर नजर की समस्या लगातार बनी हुई है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, हर 10 में से एक बच्चा किसी न किसी दृष्टि दोष से जूझ रहा है।
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एम्स दिल्ली और पीजीआई के डॉक्टरों का यह शोध 43 ऐसे ताजा अध्ययनों की समीक्षा पर आधारित है, जिसमें स्कूली बच्चों में नजर की कमजोरी की ताजा स्थिति को समझने की कोशिश की गई है। अध्ययन में पता चला कि 11 फीसदी स्कूली बच्चे निकट दृष्टि रोग, दूर दृष्टि रोग जैसे कई तरह की नजरों की दिक्कत से परेशान हैं। सबसे ज्यादा 8% बच्चों में मायोपिया (नजदीक की चीजें दिखना, लेकिन दूर की धुंधली दिखना) की समस्या पाई गई। तीन फीसदी बच्चों को एस्टिग्मैटिज्म (धुंधली या टेढ़ी-मेढ़ी दृष्टि होना) और एक फीसदी बच्चों को हाइपरोपिया (दूर की चीजें दिखती हैं, लेकिन पास की नहीं) की समस्या थी।
पहले के मुकाबले सुधार:
लड़के-लड़कियों दोनों में समान दर में आंखों की समस्या थी। हालांकि, बच्चों में पहले हुए अध्ययन के मुकाबले कमजोर नजर की समस्या में सुधार हुआ है। साल 2018 में हुए अध्ययन में 12% स्कूली बच्चे कमजोर नजर की समस्या से पीड़ित पाए गए थे।