बच्चों की आत्महत्या के लिए अकेले स्कूल जिम्मेदार नहीं, बेहतर माहौल दें माता-पिता-हाई कोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा, शिक्षकों के खिलाफ आरोप के साक्ष्य जुटाना जरुरी

चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि बच्चों की आत्महत्या के लिए अकेले स्कूल, शिक्षक या हेडमास्टर जिम्मेदार नहीं ठहराए जाने चाहिए। अभिभावक भी इसके लिए बराबर जिम्मेदार हैं और उन्हें बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए।

जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम की पीठ ने कहा, देशभर में बच्चों की आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। माता-पिता की जिम्मेदारी है कि शिक्षकों व हेडमास्टर को सिर्फ तब कसूरवार ठहराया जा सकता है, जब इस बात के साक्ष्य मिलें कि उन्होंने स्कूली शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन किया है या कोई अपराध किया हो।

पीठ ने बेटे की आत्महत्या पर 10 लाख रुपये का हर्जाना और स्कूल के हेडमास्टर पर उचित कार्रवाई की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता का 17 वह घर के भीतर और बाहर बच्चों वर्षीय बेटा युवराज सरकारी स्कूल के लिए अच्छा माहौल बनाएं। में कक्षा 12 का छात्र था।

यह है मामला:

याचिकाकर्ता ने अरोप लगाया कि हेडमास्टर सबके सामने लड़कों के बाल काटते थे, ब्लेड से उनकी पैंट फाड़ देते और बच्चों को बेरहमी से पीटते थे। लगातार इस व्यवहार के कारण उनके बेटे ने अगस्त 2017 में खुदकुशी कर ली थी।

आदरणीय शिक्षकगण आप हमारे Whatsapp Group एवं टेलीग्राम से जुड़ सकते है!     https://chat.whatsapp.com/DGPSOlDwqoYEGOxZh8dlPc  टेलीग्राम:https://t.me/nipunbharat


Leave a Reply