वर्ष 2004-05 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से B.Ed करने वाले छात्रों की मार्कशीट में फर्जीवाड़ा देखने को मिला था। मामले की जांच एसटीएफ ने की थी जिसमें शिकायतें सही पाई गई थी। जनपद में ऐसे 67 शिक्षक है जिन्होंने फर्जी मार्कशीट पर नौकरी पाई थी।

हाथरस:- जनपद में फर्जी मार्कशीट के शिक्षक की नौकरी पाने वालों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर 2 सप्ताह के भीतर पुनः नियुक्ति कराने के आदेश बेसिक शिक्षा सचिव को दिए हैं। इस आदेश में जनपद के 47 शिक्षकों का लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सचिन ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं।

वर्ष 2004-05 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से B.Ed करने वाले छात्रों की मार्कशीट में गड़बड़ी पाई गई थी। इस मामले की एसटीएफ से जांच कराई गई थी। जांच में शिकायतें सही पाई गई जिसमें जनपद में 67 शिक्षक ऐसे थे। जिन्होंने फर्जी एवं टेम्पर्ड मार्कशीट से नौकरी पाई थी इसमें 43 शिक्षक फर्जी मार्कशीट वाले थे। जांच में दोषी पाए जाने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इनकी सेवा समाप्त कर दी थी। इसके अलावा 34 शिक्षक ऐसे थे जिन्होंने अपने अंक तालिका में नंबर बढ़वाए थे। सेवा समाप्त होने पर यह शिक्षक सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। जुलाई में इनके पक्ष में एक आदेश हुआ था कि इन शिक्षकों को वेतन दिया जाए शासन द्वारा वेतन न मिलने पर इन शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का आरोप लगाते हुए शिकायत की।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन्हें 1 जुलाई से वेतन दिया जाए और इन्हें पुनः नियुक्ति कराई जाए। बेसिक शिक्षा अधिकारी शाहीन का कहना है कि ऐसा आदेश हुआ है आदेश मिलने पर पालन किया जाएगा।


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