एनपीएस न लेने वालों का नहीं रुकेगा वेतन

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा

वेतन रोकने के शासनादेश को दी गई चुनौती

प्रयागराज:- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नई पेंशन योजना में शामिल नहीं होने वाले कर्मचारियों का वेतन रोकने संबंधी राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। 16 दिसंबर 2022 को जारी शासनादेश में कहा गया है कि जिस कर्मचारी ने नई पेंशन योजना के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनका वेतन रोक दिया जाए। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए कहा है कि अगले आदेश तक एनपीएस न अपनाने वाले याचियों का वेतन न रोका जाए।यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने शिवम शर्मा व 316 अन्य की याचिका पर अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी व अन्य को सुनकर दिया है। शासनादेश को सैकड़ों कर्मचारियों ने याचिकाएं दाखिल कर चुनौती दी है।

शासनादेश में यह प्रावधान है कि जो कर्मचारी नई पेंशन योजना नहीं अपनाएंगे, उनका वेतन रोक दिया जाएगा। अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि राज्य सरकार ने 16 दिसंबर 2022 को शासनादेश जारी कर यह प्रावधान किया है कि नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में रजिस्ट्रेशन न कराने वाले कर्मचारियों का वेतन रोक दिया जाएगा। याचियों का कहना है कि नेशनल पेंशन स्कीम के प्रावधान इस प्रकार के हैं कि इसे अपनाने के लिए किसी कर्मचारी को बाध्य नहीं किया जा सकता और एनपीएस न लेने वाले कर्मचारी का वेतन रोका नहीं जा सकता है।

याचिका में कहा गया कि इस मामले में हाईकोर्ट ने पूर्व में दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए वेतन कटौती के आदेश पर रोक लगा रखी है।

कोर्ट ने प्रकरण को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही कहा है कि अगली सुनवाई तक याचियों का वेतन नहीं रोका जाएगा।उल्लेखनीय है कि नई पेंशन योजना अपनाने के खिलाफ कर्मचारी लंबे समय से लामबंद हैं। राज्य सरकार के कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। सरकार ने कर्मचारियों को नई पेंशन योजना अपनाने के लिए शासनादेश जारी करते हुए ऐसे कर्मचारियों का वेतन रोके जाने की चेतावनी दी है।


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