विश्वविद्यालय शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए नियमावली जल्द, UGC जारी कर चुका है गाइडलाइन्स

पटना: बिहार के परंपरागत विश्वविद्यालयों में कार्यरत सहायक प्राध्यापकों, सह प्राध्यापकों व प्राध्यापकों की प्रोन्नति की नई नियमावली का प्रस्ताव तैयार हो गया है। राजभवन द्वारा बनाई गई विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय कमेटी की अनुशंसाओं के आधार पर तैयार नियमावली के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देते हुए शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशालय ने पिछले सप्ताह ही इसे विभागीय मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के पास स्वीकृति के लिए भेज दिया है। शिक्षा मंत्री की स्वीकृति मिलते ही नई नियमावली का प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल की मुहर के लिए जाएगा। माना जा रहा है कि छठ बाद कैबिनेट की स्वीकृति होते ही शिक्षकों की प्रोन्नति की नई नियमावली प्रदेश में क्रियाशील हो जाएगी। इसके साथ ही प्रोन्नति पर लगा अवरोध भी समाप्त हो जाएगा।

18 जुलाई 2018 से होगा प्रभावी:

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालय शिक्षकों की संशोधित नियमावली 18 जुलाई 2018 से लागू कर रखी है। राज्य मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद बिहार में भी नई शिक्षक प्रोन्नति नियमावली 18 जुलाई 2018 के प्रभाव से ही लागू होगी। यूजीसी की तर्ज पर ही वर्तमान नियमावली को तैयार किया गया है और इसके लिए पुरानी नियमावली में ढेर सारे बदलाव नजर आने वाले हैं।

नई-पुरानी दोनों प्रोन्नति नियमावली का ले सकेंगे लाभ:

मिली जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय शिक्षकों की नई प्रोन्नति नियमावली भले ही 18 जुलाई 2018 के प्रभाव से लागू होने जा रही है लेकिन इस तारीख के पहले, बाद में और अधिसूचना जारी होने की तारीख के बीच जिन शिक्षकों का प्रोमोशन लंबित हैं उनके लिए नई नियमावली के साथ ही पुरानी प्रोन्नति नियमावली का विकल्प खुला रहेगा। विश्वविद्यालय शिक्षक जिस नियमावली से चाहेंगे, प्रोन्नति का लाभ ले पायेंगे।

क्लास का फीडबैक संतोषजनक नहीं तो नहीं मिलेगी प्रोन्नति:

यूजीसी की तर्ज पर 2018 से लागू होने जा रही नई प्रोन्नति नियमावली में कई कड़े प्रावधान किये जा रहे हैं। योग्य शिक्षक ही अब प्रोन्नति पा सकेंगे। प्रोन्नति का प्रमुख आधार वर्गकक्षों के मूल्यांकन को बनाया गया है। शिक्षक इसके अलावे भी कई नई कसौटियों पर कसे जाने के बाद भी प्रोन्नत हो सकेंगे। जिनका क्लास अच्छा व संतोषप्रद नहीं होगा, वे प्रोन्नति के प्रावधानों को पूर्ण करने में अक्षम करार दिए जायेंगे। योग्यता, शोध कार्य, पुस्तक लेखन व प्रकाशन समेत अन्य पैमाने पूर्ववत होंगे।

शिक्षा विभाग ने जारी किया स्पष्टीकरण:

हाल ही शिक्षा विभाग ने कुलपतियों के साथ वीसी से हुई बैठक में साफ किया था कि यूजीसी द्वारा 2018 में लागू नई प्रोन्नति नियमावली के पूर्व इसकी अर्हता रखने वाले शिक्षकों के प्रोमोशन पर रोक नहीं है। हालांकि पूर्व में विभाग द्वारा दिए गए एक निर्देश से इसको लेकर विश्वविद्यालयों में प्रोन्नति कार्य पूरी तरह ठप थे। अब उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्पष्टीकरण जारी कर विश्वविद्यालयों को कहा है कि पहले से प्रोन्नति की योग्यता रखने वालों पर पुरानी नियमावली से प्रोन्नति देने के मामले में विश्वविद्यालय को निर्णय लेने में कोई रोक नहीं है।


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