आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को मिले नौकरी की सुरक्षा का अधिकार
लखनऊ:- संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। तीन महीने में समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया गया था। पर, तीन साल से अधिक का समय गुजर गया। अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। इससे कर्मचारियों में खासी नाराजगी है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ तो कर्मचारी आन्दोलन करने को बाध्य होंगे।राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत ने बताया कि अक्तूबर 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पांडेय की अध्यक्षता में बैठक हुई।
बैठक में तय हुआ है कि विभिन्न विभागों में भारी संख्या में एजेंसी के माध्यम से रखे गए कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, विनियमितीकरण, न्यूनतम वेतन व भत्ते देने केलिए सेवा नियमावली तीन माह में तैयार कर मंत्रिमंडल के सामने रखा जाए। वजह यह है कि ऐसे कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिलता। एजेंसी जब चाहती है कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देती है। ऐसे में संविदा व आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में है। महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि न्यूनतम वेतन, भत्ते, बोनस, बीमा, पेंशन, मृतक आश्रित नियमावली का लाभ आदि सभी सुविधाएं दी जाएं। विभागों में उनकी वरिष्ठता सूची बनाई जाए।