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Right to Education || चार हजार को नहीं मिला प्रवेश, 13 हजार नए आवेदन कतार में लगे, 30 मार्च को आरटीई में प्रवेश के लिए होगी पहली लॉटरी


30 मार्च को आरटीई में प्रवेश के लिए होगी पहली लॉटरी

पिछले साल चयन के बाद भी चार हजार बच्चों को नहीं मिला प्रवेश

लखनऊ:- निशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत सत्र 2022-23 में प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के प्रवेश के लिए आवेद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले ही चरण में सिर्फ 23 दिन में 13 हजार से अधिक अभिभावकों ने अपने बच्चों को आरटीई में प्रवेश दिलाने के लिए ऑनलाइन आदेवन कर दिया। हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग पिछले सत्र 2021-22 में ही चयनित चार हजार से अधिक बच्चों का प्रवेश प्राइवेट स्कूलों में कराने में असमर्थ रहा था।

आवेदन की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक बार फिर विभाग के सामने प्रवेश दिलाना बड़ी चुनौति होगी। नए सत्र में प्रवेश के लिए पहले चरण की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया दो मार्च से शुरू हुई और 25 मार्च तक फार्म भरे गए। इस दौरान 13 हजार आवेदन आए। अभी तीन चरण में आवेदन और होने और शहर में लगभग 12 हजार बच्चों के प्रवेश लिए जा सकते हैं। पिछले वर्ष 11770 बच्चों का चयन आरटीई में प्रवेश के लिए किया गया था। जिसमें से लगभग आठ हजार बच्चों के प्रवेश ही कराए जा सके। नए सत्र में अभी दो चरणों में आवेदन ओर होने हैं। अनुमान है कि तीनों सत्र में लगभग 25 हजार के आसपास ऑनलाइन आवेदन होंगे।

पहली लॉटरी 30 मार्च को निकलेगी

पहले में दो मार्च से 25 मार्च के आवेदन प्रक्रिया के बाद 28 मार्च तक आवेदन का सत्यापन होगा और 30 मार्च को लॉटरी निकलेगी। लॉटरी में से चयनित होने वाले बच्चों को प्रवेश पांच अप्रैल को कराया जाएगा। दूसरे चरण में ऑनलाइन आवेदन दो अप्रैल से 23 अप्रैल तक होगा। 25 एवं 26 अप्रैल को आवेदन का सत्यापन और 28 अप्रैल को लॉटरी निकाली जाएगी। तीसरे चरण में दो मई से 10 जून ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। 11 से 13 जून तक आवेदनों का सत्यापन और 15 जून लॉटरी के माध्यम से चयन होगा।

विकल्प न मिलना भी प्रवेश नहीं होने की वजह

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने कहा कि आरटीई में चयनित सभी बच्चों के प्रवेश कराने का प्रयास होता है। हालांकि बड़ी संख्या में अभिभावक ऐसे भी होते हैं जो मनपसंद विकल्प नहीं मिलने की वजह से प्रवेश नहीं लेते हैं। इसके साथ ही जो स्कूल आरटीई में चयनित बच्चों को प्रवेश नहीं लेते हैं उनके विरूद्ध कार्यवाही जाएगी। पिछले सत्र में लगभग चार हजार चयनित बच्चों के प्रवेश नहीं होने का आंकड़ा है। जिसमें से 150 बच्चों के अभिभावकों ने शिकायत की थी कि स्कूल प्रवेश नहीं ले रहे। उनके प्रवेश कराए गए। इसके अलावा जो अन्य अभिभावक थे उनकी कोई शिकायत नहीं आयी।


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