ग्रेच्युटी चाहिए तो भरना होगा सेवानिवृत्ति का विकल्प

प्रयागराज:-बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को ग्रेच्युटी की रकम चाहिए तो 60 साल पर सेवानिवृत्ति का विकल्प भरना होगा। बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त नियंत्रक रवींद्र कुमार ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को शिक्षकों से विकल्प प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। उनकी ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जो शिक्षक 60 वर्ष का विकल्प देंगे उन विकल्प पत्र को स्वीकृति के लिए निर्धारित प्रारूप पर अपनी संस्तुति सहित मंडलीय संयुक्त निदेशक (पेंशन) को उपलब्ध करा दें। जो शिक्षक 62 साल पर सेवानिवृत्ति का विकल्प देंगे उन्हें ग्रेच्युटी देय नहीं होगी। परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। यदि कोई शिक्षक अधिवर्षता आयु से दो साल पहले 60 साल पर सेवानिवृत्त होता है तो उसे 16.5 महीने की ग्रेच्युटी मिलती है। पूर्व के वर्षों में नियुक्त शिक्षकों से विभिन्न जिलों के बीएसए ने ऐसा कोई विकल्प नहीं भरवाया था।

हाईकोर्ट ने ग्रेच्युटी भुगतान का दिया आदेश

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान और अन्य कारणों से मृत ऐसे शिक्षक जिन्होंने 60 साल पर सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं भरा था, उनके परिजनों ने ग्रेच्युटी के लिए हाईकोर्ट में याचिकाएं कर दीं। कोर्ट ने तमाम मामलों में ग्रेच्युटी भुगतान के निर्देश दे दिए। इसके खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल अपील भी दायर की जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। अब जिन शिक्षकों ने विकल्प नहीं भरा था, उनके परिजनों को ग्रेच्युटी भुगतान करना पड़ रहा है। इस प्रकरण के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने विकल्प भरवाने की प्रक्रिया शुरू की है। गौरतलब है कि प्रदेशभर के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 332734 और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 120860 शिक्षक कार्यरत हैं।

इनका कहना है

“जो शिक्षक 60 साल पर सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं भरते, उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो परिजनों को ग्रेच्युटी का भुगतान करना चाहिए।”-देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ


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