एक शिक्षमित्र पर पांच कक्षाओं के छात्रों की पढ़ाई का जिम्मा
स्थानांतरित हुए 52 शिक्षकों के स्थान के बाद नए शिक्षकों की नहीं हुई तैनाती
बहराइच:-बेसिक स्कूलों बच्चों व पढ़ाई को कांवेंट की तर्ज पर संवारने की योगी सरकार की मंशा नवाबगंज ब्लॉक में सफल नहीं हो पा है । यहां एक शिक्षामित्र के भरोसे – पांच कक्षाओं के बच्चों की पढाई जिम्मा है । यह हालत ब्लॉक क्षेत्र में कार्यरत स्थानांतरित 52 शिक्षकों के स्थान पर नए शिक्षकों की तैनाती न होने पैदा हुए हैं , शिक्षण व्यवस्था चरमरा है ।
भारत – नेपाल सीमा से नवाबगंज ब्लॉक सटा हुआ है । शिक्षा के क्षेत्र में यह सबसे पिछड़े ब्लॉकों में शामिल है । नीति आयोग शिक्षा के सूचकांकों के आधार पर बेसिक स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को और मजबूत करने पर जोर दे रहा ऐसे में 127 प्राथमिक स्कूलों से शिक्षकों का एक साथ तबादला कर व कई महीने बीत जाने पर भी नई नियुक्ति न होने से शिक्षा व्यवस्था लड़खड़ा है । बानगी के तौर पर प्राथमिक विद्यालय फूलपुरवा के सभी शिक्षकों स्थानातंरण कर दिया गया है यहां शिक्षामित्र पांच कक्षाओं के छात्रों को पढ़ा रहा है । प्राथमिक विद्यालय मनसुख गांव , चितरहिया में एक – एक शिक्षक ही तैनात हैं । ऐसे कई और विद्यालय हैं जहां शिक्षामित्र देख रहे या फिर एक ही शिक्षक के भरोसे विद्यालय का अध्यापन कार्य है । यह हाल तब है , जब सरकार बेसिक स्कूलों के शिक्षण व्यवस्था के पुराने ढांचे को ही नहीं बदल रही है , बल्कि बच्चों के पोशाक से लेकर पेंसिल तक की व्यवस्था कर रही है ।
“स्थानांतरित शिक्षकों के स्थान पर नए शिक्षकों की तैनाती को जा में , वहां दूसरे विद्यालय के शिक्षकों को अटैच किया जाएगा।” -राधेश्याम वर्मा बीईओ , नवाबगंज
स्कूल की जिम्मेदारी शिक्षामित्र पर नियम विरुद्ध
बहराइच । शिक्षामित्र को स्कूल की जिम्मेदारी देना बेसिक स्कूल के नियमों के विरुद्ध है । नियमों की अनदेखी कर यहां तैनात सभी शिक्षकों का एक साथ तबादला कर दिया गया है । खंड शिक्षा अधिकारी राधेश्याम बताते हैं कि इस संबंध में बीएसए को रिपोर्ट दी गई है ।
पढ़ाएं या फिर रिपोर्ट तैयार करें
बहराइच । जिन विद्यालयों में एक शिक्षक व शिक्षामित्र ही तैनात हैं । वहां पढ़ाई व अभिलेखीय कार्य दोनों प्राभावित हैं । एक शिक्षक ने बताया कि हर रोज रिपोर्ट मांगी जा रही है । वे लोग रिपोर्ट तैयार करें या फिर बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दें । दूसरे स्कूल के शिक्षकों की जी हुजूरी करने पर उन्हें छुट्टियां मिल पाती हैं ।