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एनईपी को आगे ले जाना शिक्षकों की जिम्मेदारी


एनईपी को आगे ले जाना शिक्षकों की जिम्मेदारी

गोरखपुर:- बदलती परिस्थितियों के अनुकूल शैक्षिक व्यवस्था को बनाए और क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी सबसे अधिक आज के शिक्षकों की है, क्योंकि एनईपी के कैरिकूलर फ्रेमवर्क को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। यह बातें डीडीयू के शिक्षा संकाय की पूर्व अधिष्ठाता प्रो. प्रतिभा खन्ना ने कही। वे गुरुवार को सीआरडी आर्य महिला पीजी कॉलेज के एमएड विभाग द्वारा आयोजित एमएड छात्र कार्य परिषद के उद्घाटन एवं स्वागत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं।

विशिष्ट अतिथि रेल मंत्रालय के वित्तीय सलाहकार अष्टानंद पाठक ने कहा कि अगर व्यक्ति अपने सपने और लक्ष्य से समझौता न करे और अपनी प्रतिभा को पहचाने तो बड़े से बड़ा मुकाम प्राप्त कर सकता है। इसलिए लक्ष्य कभी छोटा नहीं रखना चाहिए। अध्यक्षता कर रहे कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने सभी छात्राओं को शुभकामनाएं दी।इस अवसर पर एमएड कार्य परिषद अध्यक्ष के रूप में रुचि विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष सविता गुप्ता, महामंत्री किरन चौहान, कोषध्यक्ष प्रियंका पांडेय, सांस्कृतिक मंत्री सृष्टि सिंह तथा कक्षा प्रतिनिधि के रूप में पूजा को पद एवं गोपनीयता की शपथ सोनू दूबे द्वारा दिलाई गई। प्रबंधक विजय लक्ष्मी मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया। विभागाध्यक्ष डॉ. रेखा श्रीवास्तव ने आभार ज्ञापित किया। संचालन प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं रागिनी मिश्रा एवं प्रियंका पाण्डेय ने किया।

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