तदर्थ शिक्षकों के मामले की पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री ने की तलब

लखनऊ:- तदर्थ शिक्षकों के मामले की पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तलब की है। भाजपा के लगभग आधा दर्जन विधायकों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर तदर्थ शिक्षकों की समस्या के समाधान की मांग की है। मुख्यमंत्री ने चार सदस्यीय कमेटी बनाते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में ऐसे लगभग 1100 से ज्यादा शिक्षक हैं।शिक्षक विधायक उमेश द्विवेदी ने जानकारी दी है कि तदर्थ शिक्षकों के मामले में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्होंने इस मामले में सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव न्याय के साथ माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष वीरेश कुमार की जांच कमेटी का गठन करते हुए इसका समाधान करने के निर्देश दिए हैं।वर्ष 2000 के बाद माध्यमिक विद्यालयों में प्रबंध तंत्र द्वारा नियुक्त किए गए तदर्थ शिक्षकों पर सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद नौकरी पर संकट आ गया है। ये शिक्षक नवम्बर 2021 में लिखित परीक्षा में शामिल हुए लेकिन उसमें सफल होने वाले शिक्षकों की संख्या कम रही।

मई में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इनके वेतन पर भी रोक लगाने का आदेश दिया। बीते दिनों हुए विधानसभा सत्र में तदर्थ शिक्षकों का मामला सदन में भी गूंजा। विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी के साथ श्रीचन्द शर्मा, मानवेन्द्र प्रताप सिंह, हरी सिंह ढिल्लो, अवनीश सिंह, अरुण पाठक ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर समाधान के लिए गुहार लगाई थी। इसके अलावा विधायक देवेन्द्र प्रताप सिंह ने भी मुख्यमंत्री को मिलकर पत्र सौंपा और मांग की कि सभी तदर्थ शिक्षक नियमित किए जाएं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की व्याख्या करते हुए उन्होंने पत्र में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कानून में वांछित सुधार करते हुए तदर्थ शिक्षकों को नियमित करने को कहा है लिहाजा उनका नियमितीकरण विधिसंगत होगा।


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