ज्यादा अंक के बावजूद गृह जनपद नहीं आवंटित करने पर दायर याचिका पर हो रही सुनवाई

प्रयागराज:- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में बिजनौर जिले के अनुसूचित जाति के याची को गृह जनपद आवंटित करने की मांग करते हुए दाखिल याचिका पर राज्य सरकार व विपक्षियों से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। याची का कहना है कि तमाम ऐसे अभ्यर्थियों को गृह जनपद आवंटित किया गया है जिन्होंने याची से कम अंक अर्जित किए हैं।

अब इस याचिका पर एक माह बाद होगी सुनवाई

याचिका में सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को क्वालिटी प्वाइंट अंक तथा जिला वरीयता के आधार पर पुनरीक्षित आवंटन सूची जारी करने का समादेश जारी करने की मांग की गई है। याचिका की सुनवाई एक माह बाद होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने बिजनौर के अमित कुमार चौधरी की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता एमए सिद्दीकी ने बहस की।

कम अंक वालों को गृह जनपद में दी गई नियुक्ति

अधिवक्ता का कहना है कि सहायक अध्यापक भर्ती में याची चयनित हुआ है। उसे काउंसिलिंग के बाद शाहजहांपुर जिला आवंटित किया गया है। नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया। याची को 62.5 क्वालिटी प्वाइंट अंक प्राप्त हुए हैं जबकि विपक्षी संख्या 4 से 14 ने उससे कम अंक प्राप्त किए हैं फिर भी उन्हें गृह जनपद आवंटित किया गया है। याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इन विपक्षियों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याची का यह भी कहना है कि अनुसूचित जाति की 1133 सीटे अभी भी खाली हैं इसलिए याची को गृह जनपद बिजनौर आवंटित किया जाय। हाई कोर्ट ने मामले को विचारणीय माना है।


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