लखनऊ:योगी सरकार आगामी सौ दिनों में प्रदेश के 28 लाख से अधिक राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध कराएगी। हर विधानसभा क्षेत्र में 100 बैड का अस्पताल बनेगा। अगले पांच साल में 10 हजार स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना की जाएगी। छह माह में हजारों भर्तियां भी की जाएंगा।मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्रिपरिषद के समक्ष स्वास्थ्य सेक्टर से जुड़े विभागों का प्रजेंटेशन हुआ। चिकित्सा सेवाओं के सुचारु संचालन के लिए डॉक्टर-नर्स डॉक्टर-नर्स का अनुपात 1:1 हो। जरूरत के अनुसार पद सृजन किए जाएंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में अस्पताल बनाने की कार्ययोजना तैयार कर इसे चरणबद्ध ढंग से क्रियान्वित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।

छह माह में होगी 10 हजार पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती

सीएम ने कहा कि पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। कोविड काल में इसका महत्व सभी समझ भी चुके हैं। निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अगले छह माह में प्रदेश में 10,000 पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की कार्यवाही की जाए। नियुक्ति प्रक्रिया उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से पूर्ण शुचिता के साथ कराई जाए। मानसिक रोगियों के सहायता के लिए निजी स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लें। आगरा, बरेली, वाराणसी के मानसिक चिकित्सालयों में उन्मुखीकरण केंद्र खोला जाना चाहिए, ताकि आमजन को मानसिक रोग के संबंध में सही-सटीक जानकारी दी जा सके।

हर जिले में होगी मुफ्त डायलिसिस

हर जनपद में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।डायलिसिस, सिटी स्कैन, न्यू बॉर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट, स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट की संख्या में बढ़ोतरी होगी। अगले दो वर्ष में सभी जनपदों तक इन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।

पोर्टल पर मिलेगी डेंगू-चिकनगुनिया की रिपोर्ट

डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस, जापानी इंसेफेलाइटिस, एईएस और कालाजार जैसी जलजनित बीमारियों के लिए “मिशन जीरो” की शुरुआत की जाएगी। कोविड रिपोर्ट की तर्ज पर ही डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया की जांच रिपोर्ट भी पोर्टल पर उपलब्ध कराने के प्रयास हों।

100 दिन में 800 नई एंबुलेंस बढ़ेंगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि 108 एम्बुलेंस सेवा को और व्यवस्थित करने की जरूरत है। एम्बुलेंस के रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाए। एम्बुलेंस सेवा के संचालन को और विकेंद्रीकरण करने पर विचार हो। अगले 100 दिनों में कम से कम 800 नई एम्बुलेस अपने बेड़े में बढ़ाएं। एएलएस की संख्या को 01 वर्ष में 250 से बढ़ाकर 375 और फिर आगे 500 तक करने के प्रयास हों।

दवाओं की हो पर्याप्त व्यवस्था, हर जिले बने ड्रग हाउस

सभी चिकित्सालय व स्वास्थ्य केंद्र में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे। आवश्यक मानी जाने वाली करीब 300 दवाओं की कमी न हो। इसकी सतत मॉनिटरिंग भी की जाए। हर जिला मुख्यालय के अतिरिक्त एक और फर्स्ट रेफरल यूनिट (जैसे सीएचसी, 100 बेडेड आदि) स्थापित कराई जाए। हर जिले में ड्रग हाउस की व्यवस्था हो। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मैटरनल एनीमिया मैनेजमेंट सेंटर की स्थापना कराई जाए। यह सुनिश्चित कराएं कि सभी एफआरयू पर ब्लड स्टोरेज यूनिट जरूर हो।

केजीएमयू में बनेगा क्षय रोग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

सीएम योगी ने लखनऊ के केजीएमयू में क्षय रोग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना कराए जाने के निर्देश दिए। लखनऊ स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल चिकित्सालय के विस्तारीकरण की भी आवश्यकता बताई। लखनऊ में नेशनल सेन्टर फॉर डिजीज कन्ट्रोल की शाखा स्थापना की कार्यवाही तेज करने के भी निर्देश दिए।


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