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बेसिक शिक्षा: 789 शिक्षकों के अभिलेख फर्जी होने की आशंका, विश्वविद्यालयों से होगा सत्यापन


बेसिक शिक्षा विभाग में 12 साल से कर रहे नौकरी , रोका एरियर का भुगतान

प्रतापगढ़ :- बेसिक शिक्षा विभाग के 789 शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को डिग्री संबंधित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भेजा जाएगा । विभाग को इन शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी होने का शक है । सत्यापन के लिए विभागीय अधिकारियों ने पहले संबंधित विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा था , लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया । बेसिक शिक्षा विभाग में करीब 12 वर्ष पूर्व तैनाती पाने वाले 789 शिक्षकों के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अभिलेखों का ऑनलाइन सत्यापन कर वेतन भुगतान प्रारंभ कर दिया गया , मगर स्नातक , बीएड , बीटीसी , टेट के अभिलेखों का सत्यापन अभी तक नहीं होने से एरियर का भुगतान रोक दिया गया है ।

विभाग ने विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर शैक्षिक अभिलेखों के बारे में जानकारी मांगी थी , लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया । विभाग ने सत्यापन के लिए निर्धारित शुल्क भी अदा कर दिया है । 12-12 वर्षों से सत्यापन अधर में लटका होने से विभाग ने अब खंड शिक्षा अधिकारियों को विश्वविद्यालयों में  भेजकर अभिलेखों की जांच कराने का फैसला किया है । विभाग की इस पहल के बाद जहां शिक्षकों के बकाया एरियर का भुगतान हो सकेगा वहीं फर्जी अभिलेखों पर नौकरी करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकेगा । विभाग ने इन शिक्षकों के अभिलेखों का डाटा तैयार करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है ।

32 उर्दू अध्यापकों की खुलीं फाइलें

जिले में तैनाती पाने वाले 32 उर्दू शिक्षकों के अभिलेखों की जांच के लिए फाइल खुल गई है।  डायट में तैनाती पाने वाले शिक्षकों के जिले में तैनाती पाने वाले 32 उर्दू शिक्षकों के अभिलेखों की जांच के लिए फाइल खुल गई अभिलेखों की जांच बेसिक शिक्षा विभाग ने अभी तक नहीं कराई थी । इसमें कुछ शिक्षकों के अभिलेख फर्जी होने की आशंका जताई जा रही है

“जिले के 789 शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच के लिए अभियान चलाया गया है । इससे शिक्षकों के एरियर का भुगतान हो सकेगा । वहीं फर्जी अभिलेख पर नौकरी करने वाले बाहर होंगे।”- भूपेंद्र सिंह , बीएसए


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