Site icon बेसिक शिक्षा विभाग समाचार

बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर से 15 स्कूलों को मान्यता!


बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर से 15 स्कूलों को मान्यता!, बीएसए कार्यालय में तैनात लिपिक पर आरोप, बीएसए ने शुरू कराई जांच

बीएसए कार्यालय में तैनात लिपिक पर आरोप, बीएसए ने शुरू कराई जांच

लिपिक ने तत्कालीन बीएसए का किया है फर्जी हस्ताक्षर

शिकायत के बाद गठित जांच कमेटी में खुली फर्जीवाड़े की पोल

सिद्धार्थनगर। बीएसए कार्यालय में तैनात एक लिपिक पर वर्ष 2019 में तत्कालीन बीएसए राम सिंह का फर्जी हस्ताक्षर कर 15 विद्यालयों को मान्यता देने का आरोप लगा है। शासन में हुई शिकायत के बाद गठित जांच कमेटी ने इस फर्जीवाड़े की पोल खोल दी है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भी लिपिक का केवल पटल बदला गया है। बीएसए का कहना है कि मामले में विभागीय जांच चल रही है।

मार्च 2019 में तत्कालीन बीएसए राम सिंह को भनक लगी कि उनके फर्जी हस्ताक्षर से कुछ विद्यालयों को मान्यता दे दी गई है। इस बारे में उन्होंने संबंधित पटल सहायक से स्पष्टीकरण मांगा था। इस पूरे मामले की वह जांच करा पाते कि अक्टूबर 2019 में निलंबित होकर चले गए। यहां से जाने के बाद राम सिंह को पता चला कि कार्यालय से उर्दू भर्ती पत्रावली भी गायब है। उन्होंने 10 फरवरी 2021 व 30 नवंबर 2021 को बीएसए, डीएम, डायरेक्टर को पत्र लिखकर प्रकरण की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। नौ जून 2022 को संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल क्षेत्र के बेलबनवा निवासी विनोद प्रताप सिंह ने विद्यालयों की मान्यता में हुए फर्जीवाड़े की शासन में शिकायत की। इसके बाद पूरे मामले की बीएसए ने बीईओ जोगिया व नौगढ़ से जांच कराई, जिसमें 15 विद्यालयों की मान्यता संदिग्ध प्रतीत हुई। इन फर्जी मान्यता आदेशों की पुष्टि के लिए बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने 17 नवंबर को तत्कालीन बीएसए राम सिंह व एडी बेसिक गोरखपुर को पत्र भेजा था। जिसमें तत्कालीन बीएसए ने पत्र के जरिए बताया कि मान्यता प्रपत्रों पर किए गए उनके हस्ताक्षर फर्जी व कूटरचित हैं। वहीं एडी बेसिक डॉ. एसपी त्रिपाठी ने बताया कि सभी 15 विद्यालयों का अप्रूवल एडी बेसिक कार्यालय से नहीं लिया गया है।

बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने डिस्पैच पंजिका में अंकित मान्यता आदेश प्रथम दृष्टया संदिग्ध पाए जाने के बाद वरिष्ठ सहायक मुकुल मिश्र के विरुद्ध अनुशासनकि कार्रवाई करते हुए विभागीय जांच बैठा दी है। विभागीय जांच के लिए बीईओ खेसरहा कमला प्रसाद को नामित किया है। इसके अलावा आरोपित को पटल से हटाते हुए कनिष्ठ सहायक शिवसागर को मान्यता संबधित पटल आवंटित किया हैं। लिपिक मुकुल मिश्र पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप चार सितंबर को ही जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर सिद्ध हो चुका है बावजूद बीएसए ने आरोपित को प्रमोशन का गिफ्ट दे दिया है। सब कुछ जानते हुए भी बीएसए ने अक्टूबर 2022 में मुकुल का प्रमोशन करते हुए वरिष्ठ सहायक बनाया है जबकि इन पर कई गंभीर आरोप हैं।

इन विद्यालयों की मान्यता पर है संदेह

इटवा क्षेत्र में बरगदवा में श्यामराजी जूनियर हाई स्कूल, मदर्स मेमोरियल पब्लिक स्कूल, लोटन के सिकरी बाजार में सरस्वती शिशु मंदिर, ठोठरी बाजार में सरस्वती शिशु मंदिर, शोहरतगढ़ के अकरा में विद्या देवी पब्लिक स्कूल, नगर पंचायत में आइडियल पब्लिक स्कूल, किडी केयर पब्लिक स्कूल, डुमरियागंज के झहरांव में सिद्धार्थ शिक्षा निकेतन प्राथमिक विद्यालय, बर्डपुर के अलीगढ़वी में सरस्वती शिशु मंदिर, भनवापुर में सिद्धार्थ पब्लिक मंटेसरी स्कूल, नौगढ़ के भीमापार में बंधुलाल चंद्र प्रकाश पूर्व माध्यमिक विद्यालय, भीमापार में संतरविदास अनुसूचित प्राथमिक विद्यालय, खुनियांव के धोबहा में आज्ञाराम जनता जूनियर हाईस्कूल व जोगिया के कटहना में मां यमुना देवी सरस्वती विद्या मंदिर व नादेपार में ज्ञानोदय विद्या मंदिर के मान्यता पर फर्जी हस्ताक्षर का संदेह है।

“बीएसए सिद्धार्थनगर ने 15 विद्यालयों की सूची भेजकर अप्रूवल होने की जानकारी मांगी थी। जिन विद्यालयों के नाम आए थे, उनकी मान्यता एडी बेसिक कार्यालय गोरखपुर से नहीं हुई है। इसकी जानकारी बीएसए को भेज दी गई है।-डॉ. एसपी त्रिपाठी, एडी बेसिक गोरखपुर-बस्ती मंडल

“कार्यालय के डिस्पैच पंजिका पर मार्च 2019 में अंकित विद्यालयों की मान्यता प्रथम दृष्टया संदिग्ध प्रतीत हुई है। जांच में पटल सहायक मुकुल मिश्र दोषी पाए गए हैं। उन्हें पटल से हटाते हुए विभागीय जांच बैठाई गई है।”-देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए

आदरणीय शिक्षकगण आप हमारे Whatsapp Group एवं टेलीग्राम से जुड़ सकते है!     https://chat.whatsapp.com/IRUs0CxSY0d7zubM2XU1C9 टेलीग्राम:https://t.me/nipunbharat


Exit mobile version