कोरोना काल में भी गुरुजी का चलता रहा मोहल्ला स्कूल, मिला पुरस्कार

स्कूल को कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर प्राथमिक स्कूल का कायाकल्प किया, पंखा, लाइट, बेंच और सौन्दर्यीकरण कराया

राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए 13 शिक्षकों ने किया आवेदन

लखनऊ:-गोसाईंगंज के सलौली प्राथमिक स्कूल के सहायक शिक्षक संतोष कुमार का चयन राज्य पुरस्कार के लिए हुआ है। संतोष को शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। खुद के प्रयास से कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर प्राथमिक स्कूल का कायाकल्प किया। राज्य पुरस्कार के चुने गए संतोष बहुत खुश एवं उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार बच्चों के लिए समर्पित है। उन्हीं की वजह से मिला है। राज्य पुरस्कार के लिए लखनऊ के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के 13 शिक्षकों ने आवेदन किया था। इसमें से सिर्फ संतोष कुमार का चयन हुआ

खुद से किया स्कूल का किया कायाकल्प

शिक्षक संतोष का कहना है कि वर्ष 2015 में स्कूल ज्वाइन करने के बाद खुद के प्रयास से स्कूल का सौन्दर्यीकरण कराया। बच्चों के बैठने के लिए बेंच और मेज का बंदोबस्त किया। पंखे और लाइट की सुविधा की। बच्चों के पढ़ाने, सीखने और खेलकूद के संसाधन और उपकरण जुटाए। वर्ष 2020 में कोरोना कॉल में जब स्कूल बंद थे। बच्चे घर में थे। उस समय स्कूल आपके द्वार अभियान के तहत गांव के मोहल्लों में कक्षाएं लगाकर बच्चों को पढ़ाया। स्कूल आपके द्वार अभियान को विभागीय अधिकारियों ने सराहा। इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया।

कमजोर बच्चों को पढ़ा रहे

संतोष ने बताया कि उनके स्कूल के हर बच्चे और अभिभावक से आत्मीय संबंध हैं। वह स्कूल के कमजोर बच्चों को पढ़ाते हैं। बच्चों को अच्छर ज्ञान के साथ लिखना-पढ़ना सिखाते हैं। गतिविधियां कराते हैं।

यह हैं उपलब्धियां:

-कोरोना कॉल में स्कूल आपके द्वार अभियान शुरू किया
-स्कूल का सौन्दर्यीकरण
-बच्चों को पढ़ाने, सीखने और खेलकूद के संसाधन और उपकरण जुटाए
-विभाग द्वारा दिये गए लक्ष्य को समय पर पूरा करना
-कमजोर बच्चों को अलग से पढ़ाने की व्यवस्था
-शत प्रतिशत यूनीफार्म में बच्चे


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