Teachers Recruitment (शिक्षक भर्ती)

शिक्षक भर्ती में दिव्यांगता प्रमाणपत्र की वैधता पर उठे सवाल


शिक्षक भर्ती में दिव्यांगता प्रमाणपत्र की वैधता पर उठे सवाल

प्रयागराज:- प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता(पीजीटी) भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों के दिव्यांगता प्रमाणपत्र की वैधता सवालों के घेरे में है। चयनित दिव्यांग अभ्यर्थियों के सत्यापन के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से अलग से कोई मेडिकल बोर्ड गठित नहीं किया जाता है।केवल प्रमाणपत्र देखकर चयन पर मुहर लगा दी जाती है। प्रतियोगी छात्रों ने दावा किया है कि पिछली भर्तियों में सैकड़ों प्रमाणपत्र फर्जी लगाए गए हैं। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इसे पूरे मामले की जांच कराने की मांग की गई है।चयन बोर्ड ने विज्ञापन वर्ष 2011 के तहत टीजीटी-पीजीटी के लगभग 1800 पदों पर भर्ती की थी। इसके बाद विज्ञापन वर्ष 2013 में तकरीबन नौ हजार और विज्ञापन वर्ष 2016 में तकरीबन 9200 पदों पर भर्ती की। टीजीटी-पीजीटी के सर्वाधिक 15198 पदों पर भर्ती विज्ञापन वर्ष 2021 के तहत की गई। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति की ओर से दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में दावा किया गया है कि टीजीटी-पीजीटी 2011, 2013, 2016 और 2021 में दिव्यांगता के सैकड़ों प्रमाणपत्र फर्जी हैं।

ज्यादातर भर्ती संस्थाएं नहीं गठित करती हैं मेडिकल बोर्ड

समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि ज्यादातर भर्ती संस्थाएं प्रमाणपत्र की जांच के लिए अलग से मेडिकल बोर्ड का गठन करती हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड सक्षम प्राधिकारी की ओर से जारी दिव्यांगता प्रमाणपत्र को बिना किसी जांच के हरी झंडी दे देता है। अगर प्रमाणपत्र फर्जी है तो किसी भी स्तर पर इसकी जांच नहीं हो पाती है। यह सरकार की मंशा के प्रतिकूल होने के साथ ही दिव्यांगजन के हकों पर प्रहार है। समिति ने दिव्यांग अभ्यर्थियों की ओर से मांग की है कि इसकी अविलंब जांच कराके दिव्यांग कोटे में चयनित समस्त अभ्यर्थियों की एक निष्पक्ष बोर्ड से दिव्यांगता की जांच कराई जाए। जांच में जो भी आयोग्य पाए जाते हैं, उन अभ्यर्थियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। साथ ही ऐसे सभी चयन निरस्त कर दोषियों को दिए गए परिलाभों की वसूली की जाए।

टीजीटी, पीजीटी, प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर शीघ्र हो भर्ती

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) की रविवार को बालसन चौराहे पर स्थित पार्क में हुई बैठक में मांग की गई कि टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचार्य के सात हजार रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए। प्रदेश संरक्षक डॉ. हरि प्रकाश यादव ने कहा कि तकरीबन सभी विद्यालयों में शिक्षकों के कुछ न कुछ पद खाली हैं। उनका अधियाचन भी चयन बोर्ड को भेजा जा चुका है, लेकिन विज्ञापन न आने के कारण रिक्त पदों पर भर्ती फंसी है।इससे शैक्षणिक कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है, लेकिन सरकार का ध्यान इधर नहीं जा रहा है। उन्होंने चयन बोर्ड के सभी 10 सदस्यों के रिक्त पदों को भी शीघ्र भरे जाने की मांग की। अध्यक्षता जिलाध्यक्षा मो. जावेद एवं संचालन देवराज सिंह ने किया। बैठक में सुधीर गुप्ता, सुधाकर ज्ञानार्थी, शैलेंद्र कुमार सरोज, रविंद सिंह, प्रकाश चंद्र जायसवाल आदि मौजूद रहे।

प्रतियोगियों से अध्यक्ष आज करेंगे वार्ता

टीजीटी-पीजीटी एवं प्रधानाचार्य भर्ती के मुद्दे पर वार्ता के लिए चयन बोर्ड के अध्यक्ष वीरेश कुमार ने 23 मई को प्रतियोगी छात्रों को मिलने का समय दिया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को सुबह 11.30 से 12 बजे के बीच मिलने का समय दिया गया है। प्रतियोगी छात्र अध्यक्ष से मिलकर टीजीटी-पीजीटी के पदों की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ दिनों के लिए पोर्टल खोलकर अधियाचन लिए जाने और टीजीटी, पीजीटी एवं प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन शीघ्र जारी किए जाने की मांग करेंगे।


Related Articles

Leave a Reply

Back to top button