निजी विश्वविद्यालय या संस्थान सरकारी स्कूलों की करेंगे मदद

ट्विवनिंग के माध्यम से 5 ये 8 किमी के दायरे में स्थित संस्थानों को जोड़ा जाएगा

लखनऊ:- प्रदेश में अब निजी विश्विवद्यालय , विद्यालय या मन्यता प्राप्त संस्थान अपने पास के सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों को गोद लेंगे । राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ट्विवनिंग के सिद्धांत का पालन करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिया है ।

इसके तहत 5 से 8 किमी के दायरे में स्थित सरकारी प्राइमरी या जूनियर स्कूलों के साथ ट्विवनिंग की जाएगी । इस योजना के तहत दोनों संस्थानों के प्रधानाचार्य , प्रधानाध्यापक और शिक्षक विचार विमर्श कर रणनीति तय करेंगे और ट्विवनिंग ( युग्मन ) करेंगे और पीयर या ग्रुप लर्निंग के लिए वातावरण तैयार करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी । इससे एक लर्निंग हब बनेगा जिसके माध्यम से दानों संस्थाओं के संसाधनों तक सभी विद्यार्थियों की पहुंच बन पाएगी । ये साझेदारी एक तरह से दो संस्थानों के बीच मेंटरशिप कार्यक्रम की तरह होगी और जिस संस्थान के पास बेहतर संसाधन होंगे । वह दूसरे के साथ साझा करेगा । इसमें पुस्तकालय , खेल का मैदान , आईटी संसाधन , टीएलएम , सांस्कृति व खेल की गतिविधियों के संयुक्त भ्रमण या आयोजन किया जाएगा । परिषदीय स्कूल निजी या एडेड स्कूल , कॉलेज या विवि से शिक्षण संबंधी सहयोग ले सकेंगे । दोनों स्कूलों या संस्थानों के विद्यार्थी व शिक्षक महीने में एक बार मिलेंगे और विद्यालय के भ्रमण में दो घंटे का ठहराव अनिवार्य होगा । पेयरिंग करने बाद इसकी मैपिंग विद्यांजलि पोर्टल पर की जाएगी ।

इसकी मॉनिटरिंग के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी । इस योजना के तहत निजी विवि , उच्च शिक्षण संस्थानों या फिर निजी संस्थानों द्वारा सरकारी स्कूलों को सहयोगात्मक पर्यवेक्षण , टीएलएम का सृजन , ग्रेड अनुरूप वीडियो का निर्माण , विज्ञान से संबंधित प्रोजेक्ट , किताबें , स्मार्ट क्लासेस , एक्सपोजर विजिट के लिए संसाधन आदि में सहयोग करना होगा ।


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