सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला, हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार

प्राइमरी टीईटी के 4.43 लाख प्रमाणपत्र भी फंसे

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में पांच साल से शिक्षक भर्ती नहीं आई तो दूसरी ओर प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2021 प्राथमिक स्तर के 4.43 लाख प्रमाणपत्र भी कानूनी दांवपेंच में फंसे हैं। इस सबके बीच बेरोजगार भी इतने हताश हैं कि टीईटी के प्रमाणपत्र को लेकर और

न तो कोई हलचल दिख रही है दाखिल याचिका का निस्तारण नहीं सफल 4.43 लाख अभ्यर्थियों के न ही अभ्यर्थियों में उत्साह ही है। होने के कारण प्राथमिक स्तर के प्रमाणपत्र को लेकर कोई फैसला नहीं सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को कक्षा प्रमाणपत्र रोक दिए गए हैं।

न ही डायटों को भेजा गया एक से पांच तक की शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के है। यही नहीं छोटी-छोटी बात पर धरना बीएड को मान्य करने संबंधी राष्ट्रीय बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रदर्शन करने वाले बेरोजगार भी आठ अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) कार्यालय एलनगंज की ओर से जिला अप्रैल 2022 को यूपी-टीईटी का की 28 जून 2018 की अधिसूचना शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) परिणाम घोषित होने के सवा साल बाद खारिज कर दी थी। इसके बाद टीईटी को उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी में भी प्रमाणपत्र को लेकर चुप बैठे हैं। 2021 में सफल अभ्यर्थियों को सफल 2.16 लाख अभ्यर्थियों के प्रयागराज के डायट प्राचार्य राजेन्द्र प्रमाणपत्र मिलने की उम्मीद बंधी थी। प्रमाणपत्र वितरण के लिए भेज दिए हैं। प्रताप ने बताया कि उच्च प्राथमिक स्तर लेकिन इसी मामले में डीएलएड लेकिन हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के 18798 प्रमाणपत्र वितरण के लिए प्रशिक्षुओं की ओर से हाईकोर्ट में के कारण प्राथमिक स्तर के टीईटी में मिले हैं।


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