◆ कक्षा में सीखने की प्रक्रिया सरल और सुगम बनाने का सुझाव
◆ खेल, खोज और प्रयोग आधारित शिक्षण को बढ़ावा देंगे शिक्षक
◆ शिक्षकों को दिसम्बर तक गतिविधियों का ब्योरा उपलब्ध कराया गया
लखनऊ:- प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को शिक्षक खेल, खोज और प्रयोग आधारित शिक्षण तकनीक की मदद से पढ़ाएंगे। सीखने की जितनी प्रकिया सरल, सुगम और आनंददायक होगी उतनी जल्दी बच्चे सीखेंगे। बच्चे रचनात्मक रूप से तभी सीखेंगे जब बच्चों का जुड़ाव शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के साथ होगा। गतिविधियों से शिक्षकों और बच्चों में आत्मीय सम्बंध स्थापित होगा।
महानिदेशक स्कूल ने सभी बीएसए को आदेश जारी कर इसे स्कूलों में लागू करने के लिए कहा है।महानिदेशक ने कहा कि शिक्षक बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ खेल गतिविधियां भी कराएं। आसपास के वातावरण से जुड़े उदाहरणों से समझाएं। इससे बच्चों में शिक्षक के प्रति संकोच और हिचकिचाहट दूर होगी। बच्चों की जिज्ञासा को दूर करना और समस्याओं को हल करने की क्षमता के विकास के लिए सकारात्मक और रचनात्मक माहौल जरूरी है। शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सभी स्कूलों के शिक्षकों को अगस्त से दिसम्बर तक की गतिविधियों का पूरा ब्योरा उपलब्ध करा दिया गया है।
शिक्षक गतिविधियां पर अपलोड करेंगे:
स्कूलों में करायी जाने वाली गतिविधियों को शिक्षक हर हफ्ते प्ररेणा एप पर अपलोड करेंगे। इनका आकलन कर अधिकारी इसे और बेहतर बनाने में मदद करेंगे। सराहनीय गतिविधियां होने पर शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाएगा। विभाग द्वारा नियुक्त प्रवेक्षक स्कूलों में जाकर गतिविधियों का मुआयना करेंगे। शिक्षक संकुल की बैठक में गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा और प्रस्तुतिकरण करेंगे।
यह अपनाएं शिक्षक:
–सीखने की प्रक्रिया को सुगम, सहज और आनंददायक बनाएं
-कक्षा में संवाद करके पढ़ाएं
-पढ़ते समय आसपाास वातावरण में मौजूद उदाहरणों का प्रयोग करें
-रचनात्मकता, तार्किक सोच एवं निर्णय लेने की क्षमताओं की दक्षता को बढ़ाएं
-पढ़ाने में नवीन और अनुभवात्मक विधियों को शामिल करें
-खेल, खोज एवं प्रयोग आधारित शिक्षा दें