बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग

जिले के 4172 आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री-प्राइमरी की पढ़ाई शुरू


जिले के 4172 आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्री-प्राइमरी की पढ़ाई शुरू

गोरखपुर:- गोरक्षनगरी के 4172 आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर शुक्रवार से प्री प्राइमरी कक्षा की पढ़ाई शुरू हो गई। जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को सरकारी प्रारंभिक स्कूलों से टैग किया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को प्ले स्कूल की तरह शिक्षा देने की शुरुआत हुई। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को टैग प्रारंभिक स्कूलों के शिक्षक पढ़ाएंगे। गोरक्षनगरी समेत सूबे में यह कार्यक्रम पहले ही शुरू होना था लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण अब जाकर इसे शुरू किया जा सका है।बाल विकास परियोजनाओं के अन्तर्गत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 3-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का विकासात्मक और अधिगम उपलब्धियों के संबंध में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्ययोजना के अनुरूप प्री प्राईमरी एजुकेशन दिया जा रहा है।

इन बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास के लिएआंगनबाड़ी कार्यकत्री के सहयोग एवं क्षेत्रीय मुख्य सेविका के पर्यवेक्षण एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह के निर्देशन में प्री प्राईमरी एजूकेशन की शुरुआत जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने की। इसके लिए बकायदा बाल विकास एवं शिक्षा विभाग से संबंधित कर्मियों का गुणवत्तापरक प्रशिक्षण भी कराया गया।

पुस्तिका एवं प्री स्कूल किट्स उपलब्ध कराए

प्री प्राईमरी एजुकेशन के अंतर्गत पहल पुस्तिका में उल्लिखित जानकारियों एवं प्री-स्कूल किट्स भी उपलब्ध कराए गए। ताकि बच्चों का ज्ञानवर्द्धन एवं सारभौमिक विकास किया जा सके। प्री-स्कूल किट्स में बड़े बिल्डिंग्स ब्लाक्स, पिक्चर- पजल, फ्लैक्स कार्ड, स्लेट और रंगीन चाक, हिन्दी अंग्रेजी वर्णमाला चार्ट, प्लास्टिक की मोती, छोटी कैंची, गोंद, हिन्दी-अंग्रेजी वर्णमाला के प्लास्टिक ब्लाक्स, ट्रक, बाल गतिविधि पुस्तिका, क्रेयान एवं नेशनल बुक ट्रस्ट की पुस्तके मसलन बाजार की सैर, हम हिन्दुस्तानी, शीला और लीला की कहानी, पशु पक्षी, मुनिया रानी, मोन्ताइनाई दादी मां उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा शिक्षण सहायक सामग्री पुस्तक भी उपलब्ध कराई गई है।

कायाकल्प योजना में तैयार हुई कक्षाएं

इस योजना के अंतर्गत बच्चों को आकर्षित करने के लिए आगंनबाड़ी केंद्रों थ्री डी वॉल पेंटिंग, टाइलीकरण, हैण्डवाश सुविधा, शौचालय, बच्चो के लिए फर्नीचर कुर्सी, मेज, डेस्क, आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिका के लिए कुर्सी मेज का इंतजाम किया गया है।


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