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New Education Policy || राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के प्री-पीएचडी (Pre-Ph.D Course Work) कोर्स वर्क होंगे एक समान


New Education Policy || राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के प्री-पीएचडी (Pre-Ph.D Course Work) कोर्स वर्क होंगे एक समान

उत्तर प्रदेश के सभी राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों में प्री-पीएचडी कोर्स वर्क एक समान होगा। शासन ने नई शिक्षा नीति-2020 के तहत सत्र 2022-23 से इसे लागू करने का निर्देश दिया है। सभी विश्वविद्यालयों में प्री पीएचडी कोर्स की संरचना में एकरूपता लाने के लिए इस कोर्स वर्क में दो पेपर मुख्य विषय के 06-06 क्रेडिट के होंगे तथा एक पेपर 4 क्रेडिट का होगा। जो उस मुख्य विषय से संबंधित रिसर्च मेथाडोलॉजी का होगा। इस तरह सभी विश्वविद्यालयों को 16 क्रेडिट के तीन पेपर के पाठ्यक्रम अपनी पाठ्यक्रम समिति बोर्ड ऑफ स्टडीज वह विद्वत परिषद (एकेडमिक काउंसिल) से अनुमोदन कराने को कहा है।

शोध परियोजना से पहले 06 माह का प्री-पीएचडी कोर्स वर्क करना अनिवार्य होता है पाठ्यक्रम पुनर्संरचना की राज्य स्तरीय समिति के सुझावों के आधार पर जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि प्री पीएचडी कोर्स वर्क में 16 क्रेडिट अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को उस मुख्य विषय में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन रिसर्च (PGDR) की उपाधि दी जाती है। इस कोर्स वर्क में उत्तीर्ण करने के बाद ही विद्यार्थी को पीएचडी में शोध कार्य के लिए पंजीकृत किया जाएगा।

प्री-पीएचडी कोर्स वर्क में सैद्धांतिक पेपरों के अलावा एक शोध परियोजना भी होगी। जिसका स्वरूप विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम समिति विद्वत परिषद करेगी। सेवारत शिक्षकों को यह प्री पीएचडी कोर्स पूरा करने के लिए भौतिक कक्षाओं के साथ-साथ ऑनलाइन प्रक्रिया को भी मान्यता दी गई है। इसके लिए प्रारूप व नियम विश्वविद्यालय बना सकते हैं।


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