Percentage voting for old pension restoration || पुरानी पेंशन बहाली हेतु प्रतिशत मतदान का निर्णय- परिषद, पुरानी पेंशन बहाली से नहीं होगी वित्तीय संकट

लखनऊ:- राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए शत-प्रतिशत मतदान करने का निर्णय लिया है। परिषद के अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी और महामंत्री शिव बरन सिंह यादव ने मंगलवार को कहा कि पुरानी पेंशन बहाली और आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर लगभग 10 वर्षों से आंदोलनरत राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेताओं ने आगामी चुनाव में कर्मचारी शिक्षक और उनके परिजनों के शत प्रतिशत मतदान की ब्लॉक स्तर तक कार्य योजना तैयार की है। उन्होंने कहा है कि कोई भी सरकार आसानी से पुरानी पेंशन बिना किसी वित्तीय भार के कर सकती है।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पुरानी पेंशन बहाली के स्पष्ट रूप से घोषणा कर चुके हैं, लेकिन कुछ लोग कर्मचारियों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी को कर्मचारी और शिक्षकों में विश्वास दिलाने के लिए एक दो कर्मचारी शिक्षक नेताओं को विधानसभा में ले जाने की अतिशीघ्र घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी शासकीय सेवक अपने सेवाकाल में 300 से 360 महीने सेवारत रहता है। हर महीने पेंशन मद में उस कार्य में और सरकार का एक निश्चित अंशदान जमा होता है। कितने माह के बाद कर्मचारी के खाते में समानता इतनी राशि जमा हो जाती है कि उसके ब्याज से पेंशन का भुगतान किया जा सकता है उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल इसका जीता-जागता प्रमाण है। उन्होंने सवाल किया कि क्या पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन देने से पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई है?


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