रिटायरमेंट से एक महीने पहले तक देना होगा पेंशन अंशदान
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की तर्ज पर प्रदेश में तैयार होगी नई पेंशन नियमावली
लखनऊ। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की तर्ज पर जल्द प्रदेश में पेंशन नियमावली तैयार की जाएगी। नियमावली बनने तक अंतरिम व्यवस्था के रूप में राज्य कर्मचारियों के लिए पेंशन सिस्टम तैयार किया गया है, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। अभी तक रिटायरमेंट से तीन महीने पहले पेंशन अंशदान रोक दिया जाता था। इसे घटाकर एक महीने कर दिया गया है। यानी रिटायरमेंट से एक महीने पहले तक पेंशन अंशदान जमा किया जा सकेगा। अंतरिम व्यवस्था से संबंधित शासनादेश अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार ने जारी कर दिया है।
केंद्र सरकार और पेंशन विधि नियामक व विकास प्राधिकरण राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में समय-समय पर संशोधन करते हैं। इसी क्रम में राज्य सरकार भी प्रदेश में लागू राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में संशोधन करती है। केंद्र सरकार द्वारा सेंट्रल सिविल सर्विसेज रूल 2021 के नियमों के आधार पर राज्य सरकार जल्द ही राष्ट्रीय पेंशन नियमावली तैयार करेगी नियमावली बनने तक अंतरिम व्यवस्था के तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में आने वाले कर्मचारी को कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही पंजीकरण के लिए अपना आवेदन विभागाध्यक्ष को देना होगा।
प्रोबेशन काल में कर्मचारी और सरकार दोनों ही अंशदान करेंगे। यदि किसी कर्मचारी को निलंबित किया जाता है तो निलंबन की अवधि के दौरान अभिदाता द्वारा अंशदान किया जा सकेगा। अंशदान की जमा की जाने वाली धनराशि और निलंबन की अवधि के दौरान पहले से जमा की गई राशि के अंतर को ब्याज सहित अभिदाता के खाते में जमा किया जाएगा। यदि निलंबन अवधि के दौरान अभिदाता ने अपने अंशदान का भुगतान नहीं करने का विकल्प चुना था तो सरकार द्वारा उस अवधि के लिए कोई अंशदान नहीं किया जाएगा। लेकिन जहां जांच के निष्कर्ष के आधार पर निलंबन अवधि को ड्यूटी या अवकाश माना जाएगा, तब उस स्थिति में अंशदान किया जाएगा।
चिकित्सकीय अवकाश, उपद्रव के कारण अवकाश और उच्च अध्ययन के लिए अवकाश की स्थिति में सरकारी कर्मचारी की परिलब्धियों का 14 फीसदी या समय-समय पर होने वाले बदलाव के आधार पर अंशदान किया जाएगा।