अर्धसैनिक बलों के जवान पुरानी पेंशन के हकदार-कोर्ट
नई दिल्ली:- दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसले में ‘केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी ‘सशस्त्रत्त् बल यानी सेना’ माना है। इस फैसले से केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों (सीएपीएफ) के वह हजारों कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में आ जाएंगे, जिन्होंने 2003 के बाद सेवाएं शुरू की हैं। जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अगुवाई वाली पीठ ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को सशस्त्रत्त् बलों के समान मानते हुए यह फैसला दिया।
कोर्ट ने कहा, केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के कर्मियों पर नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू नहीं होगी। पीठ ने अर्ध सैनिक बलों के विभिन्न स्तर के कर्मियों की ओर से दाखिल 98 समूह याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ताओं की वकील अंकिता पटनायक ने बताया कि केंद्र सरकार ने 22 दिसंबर, 2003 को नई पेंशन योजना लागू की और इसमें सशस्त्रत्त् बल यानी सेना को इससे बाहर रखा। लेकिन केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों को एनपीएस के दायरे में रखा। एक याचिकाकर्ता परमानंद यादव के मामले में अदालत ने कहा कि नियुक्ति के लिए यदि विज्ञापन नई पेंशन योजना की अधिसूचना से पहले निकाला गया है तो नियुक्ति कभी भी हो, व्यक्ति पुरानी पेंशन योजना का लाभ पाने का हकदार होगा। उन्होंने बताया कि दरअसल, परमानंद यादव के मेडिकल रिव्यू की वजह से नियुक्ति देरी से हुई।
इन्हें सीधा लाभ मिल सकेगा:
फैसले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), असम राइफल्स, आईटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी, आईआरबी आदि शामिल हैं। सशस्त्र बलों के तहत सेना, नौसेना, वायुसेना आते हैं।