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कर्मचारियों-पेंशनरों को जैसे वेतन वैसा मिलेगा इलाज, पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलैस योजना में जनरल के साथ सेमी व प्राइवेट वार्ड की भी सुविधा


कर्मचारियों-पेंशनरों को जैसे वेतन वैसा मिलेगा इलाज।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलैस योजना में जनरल के साथ सेमी व प्राइवेट वार्ड की भी सुविधा।

संकल्प पत्र के वादे के अनुरूप सीएम योगी ने किया था योजना का शुभारंभ, मिलने लगा इलाज।

आयुष्मान योजना के सेंट्रल पोर्टल से अभी कनेक्टिविटी नहीं, ऑफलाइन दिया जाने लगा लाभ

लखनऊ:- राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को उनके वेतनमान के हिसाब से अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलेगी । प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलैस चिकित्सा योजना में इलाज के लिए कुछ ऐसी ही व्यवस्था है । केंद्र की आयुष्मान योजना में जहां मरीजों के लिए सिर्फ जनरल वार्ड का ही प्रावधान है । वहीं योगी सरकार की इस स्कीम में जनरल के साथ ही सेमी प्राइवेट और प्राइवेट वार्ड की भी व्यवस्था है । भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलैस इलाज की सुविधा देने का वादा किया था । यह वादा पूरा करते हुए बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना का शुभारंभ किया था ।

कर्मचारियों और पेंशनरों के हेल्थ कार्ड बनाए गए हैं । यह काम अभी जारी है । जिनके कार्ड बन गए हैं , उन्हें इस सुविधा का लाभ मिलना भी शुरू हो गया है । हालांकि अभी आयुष्मान योजना के पोर्टल से इसकी कनेक्टिविटी नहीं हो सकी है । ऐसे में ऑफलाइन यानि अस्पताल से ईमेल के जरिए इलाज के सारे कागजात और फोटो मंगवाए जा रहे हैं । उनके सत्यापन के आधार पर अस्पतालों को भुगतान हो रहा है । इलाज के विभिन्न पैकेज आयुष्मान योजना वाले ही रखे गए हैं ।

हेल्थ कार्ड नंबर से चलेगा पता:

कर्मचारी या पेंशनर के पे – बैंड ( वेतनमान ) को देखकर उसकी अर्हता के हिसाब से उसे जनरल , सेमी प्राइवेट या प्राइवेट वार्ड में रखने की सुविधा है । किस व्यक्ति को किस स्तर की सुविधा देनी है , अस्पताल को इसका पता कर्मचारी या पेंशनर का हेल्थ कार्ड पर अंकित नंबर योजना के पोर्टल पर डालते ही चल जाता है ।

अभी सिर्फ यूपी के अस्पतालों में ही इलाज:

प्रदेश सरकार की इस कैशलैस योजना के तहत अभी पोर्टेबिलिटी की सुविधा उपलब्ध नहीं है यानि राज्य सरकार के कर्मचारी और पेंशनर यूपी के सरकारी या निजी अस्पतालों में ही इस कैशलैस इलाज की सुविधा का लाभ ले सकते हैं । हालांकि राज्य सरकार ने पहले से चल रही रिम्बर्समेंट स्कीम को भी समाप्त नहीं किया है । ऐसे में जरूरत पड़ने पर उस पुरानी योजना के तहत यूपी से बाहर इलाज कराया जा सकता है । आयुष्मान की तुलना में एक और बदलाव यह है कि कर्मचारियों और पेंशनरों के सरकारी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था स्वास्थ्य महानिदेशालय देख रहा है जबकि आयुष्मान में पंजीकृत निजी अस्पतालों में इलाज और भुगतान का जिम्मा सांचीज को दिया गया है । * इंफो * 10.5 लाख है सरकारी कर्मचारियों की संख्या 12 लाख से अधिक हैं प्रदेश में पेंशनर 180 लोगों ने लिया कैशलैश योजना का लाभ 5 लाख तक निजी अस्पतालों में कैशलैस इलाज की है सुविधा

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