यूपी विधानसभा चुनाव पर महामारी का साया:- हाईकोर्ट ने पीएम और ईसी से किया चुनाव टालने का आग्रह, कहा- जीवन रहा तो रैलियां और सभाएं होती रहेंगी
प्रयागराज:- उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले नए वैरीअंट के बढ़ते प्रभाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया है कि विधानसभा चुनाव में महामारी की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जाए। उनसे कहा जाए कि चुनाव प्रचार दूरदर्शन और समाचार पत्रों के माध्यम से करें।
पार्टियों की चुनावी सभा एवं रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। प्रधानमंत्री चुनाव वोट डालने पर भी विचार करें। क्योंकि जान है तो जहान है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार जेल में बंद आरोपी संजय यादव की जमानत पर सुनवाई कर रहे थे संजय के खिलाफ इलाहाबाद के थाना कैंट में मुकदमा दर्ज है उसे बृहस्पतिवार को जमानत मिल गई। हाईकोर्ट ने कहा कि संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दिया जाए। क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी सभाएं रैलिया आगे भी होती रहेगी। जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में दिया गया है हाईकोर्ट ने कहा कि दैनिक समाचार पत्रों के अनुसार 24 घंटे में 06 हजार नए मामले मिले हैं। 318 लोगों की मौतें हुई हैं। यह समस्या हर दिन विकराल होती जा रही है। इस महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, आयरलैंड, जर्मनी, स्कॉटलैंड जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है। ऐसी दशा में महा निबंधक उच्च न्यायालय इलाहाबाद से कहा है कि वह इस विकट स्थिति से निपटने के लिए नियम बनाएं।
भीड़ को नहीं रोका तो परिणाम दूसरी लहर से भी होंगे भयावह
हाईकोर्ट ने कहा कि दूसरी लहर में लाखों की संख्या में लोग महामारी से संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में लोगों को काफी संक्रमित किया। जिससे लोग मौत के मुंह में चले गए। अब यूपी विधानसभा का चुनाव निकट है सभी पार्टी में रैली सभाएं करके भीड़ जुटा रहे हैं जहां किसी भी प्रकार का महामारी प्रोटोकॉल संभव नहीं है। और इसे समय से नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे।
कोर्ट में नहीं हो पा रही है सोशल डिस्टेंसिंग
न्यायमूर्ति जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा कि इस न्यायालय के पास करीब 400 मुकदमे सूचीबद्ध है। इसी प्रकार से रोज मुकदमे सूचीबद्ध होते हैं इस कारण बड़ी संख्या में अधिवक्ता आते हैं उनके बीच किसी भी प्रकार की सोशल डिस्टेंसिंग नहीं होती है। वह आपस में सट कर खड़े होते हैं जबकि महामारी के नए वैरीअंट के मरीज बढ़ते जा रहे हैं साथ ही तीसरी लहर आने की संभावना है।
टीकाकरण अभियान की प्रशंसा भी की
हाईकोर्ट ने टीकाकरण अभियान की प्रशंसा की कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में महामारी का मुफ्त टीकाकरण का अभियान चलाया जो प्रशंसनीय है।
प्रधानमंत्री से कोर्ट अनुरोध करती है कि इस भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाए।