मास्साब को रास नहीं आई निरीक्षण की बात

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बरेली। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों को कॉल करके स्कूल का हाल जानने और तीन बार तक कॉल करने पर फोन न उठाने पर शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की बात पर शिक्षकों ने आपत्ति जताई है। कई शिक्षक संगठन सीधा महानिदेशक को उन्हीं के आदेश के विरोध में ज्ञापन तक सौंप आए हैं। स्कूलों में निपुण भारत मिशन में लगातार शिथिलता मिलने पर हाल ही में बीएसए और डीआईओएस को नियमित स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) को भी मूल्यांकन प्रकोष्ठ (पांच सदस्यों की समिति) गठित करके स्कूलों पर निगरानी रखने को कहा गया। महानिदेशक का यह आदेश शिक्षकों को रास नहीं आया है। कई शिक्षक संगठनों ने मूल्यांकन प्रकोष्ठ का विरोध जताया है और उसे रद्द करने के लिए ज्ञापन सौंपा है। शुक्रवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने महानिदेशक को इस आदेश को रद्द करने का निवेदन किया। इससे पहले अन्य संगठन भी इस पर रोष जता चुके हैं।

इन वजहों से गठित की गई थी समिति

स्कूलों में गतिविधियों के संचालन में लगातार दिक्कतें आ रही हैं। समय सारिणी का भी सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। पठन-पाठन की गतिविधि खासतौर पर प्रभावित हैं। निपुण लक्ष्यों पर इनका बुरा प्रभाव पड़ रहा है, जबकि इसी साल 27 जून तक लक्ष्य हासिल किए जाने हैं। एसआरजी, एआरपी स्कूलों का लगातार निरीक्षण नहीं कर रहे हैं। इन कमियों पर अंकुश लगाने को महानिदेशक ने डायट को मूल्यांकन प्रकोष्ठ के गठन के लिए निर्देश दिया है।

मूल्यांकन प्रकोष्ठ में ये होंगे शामिल

पांच सदस्यों की समिति में डायट प्राचार्य, डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता, दो अन्य प्रवक्ता जिनमें एक पुरुष और एक महिला सदस्य हों और एक तकनीकी सहायक शामिल होंगे।

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