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शैक्षणिक सत्र 2026-27 से एक वर्षीय बी.एड. (B.Ed.) और एम.एड. (M.Ed.) कार्यक्रमों को फिर से होंगे शुरू: NCTE


शैक्षणिक सत्र 2026-27 से एक वर्षीय बी.एड. (B.Ed.) और एम.एड. (M.Ed.) कार्यक्रमों को फिर से होंगे शुरू: NCTE

एनसीटीई 2026-27 से एक वर्षीय बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed.) और मास्टर ऑफ एजुकेशन (M.Ed.) कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने जा रहा है।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने घोषणा की है कि वह 2026-27 शैक्षणिक सत्र से एक वर्षीय बी.एड. (B.Ed.) और एम.एड. (M.Ed.) कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने जा रही है।

एनसीटीई एक दशक बाद एक साल के बी.एड और एम.एड कार्यक्रम वापस लाने जा रहा है

नीति में बड़े बदलाव के तहत, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) 2026-27 शैक्षणिक वर्ष से एक साल के बैचलर ऑफ एजुकेशन (बी.एड) और मास्टर ऑफ एजुकेशन (एम.एड) कार्यक्रमों को फिर से शुरू करने की तैयारी में है। यह बदलाव उस समय के करीब 10 साल बाद आया है, जब इन पाठ्यक्रमों को अधिक कुशल शिक्षक तैयार करने के उद्देश्य से 2014 में दो साल का कर दिया गया था।

यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता ढांचे के अनुरूप है। एनसीटीई के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने कहा, “2014 से पहले, एक साल के बी.एड और एम. एडपाठ्यक्रम शिक्षक शिक्षा की रीढ़ थे। यह पुनरुद्धार एनईपी 2020 से प्रेरित है। एनईपी के साथ, यूजीसी ने राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता ढांचा पेश किया, जो स्तर 6.5 पर एक साल के मास्टर डिग्री कार्यक्रम की अनुमति देता है।”

पाठ्यक्रम संरचना

एक साल का एम.एड कार्यक्रम पूर्णकालिक होगा, जबकि अंशकालिक दो साल का विकल्प शिक्षकों और शैक्षणिक नेताओं जैसे पेशेवरों के लिए होगा।

अरोड़ा ने कहा, “2015 में शुरू किए गए दो साल के एम.एड कार्यक्रम ने शिक्षक शिक्षा को महत्वपूर्ण रूप से आगे नहीं बढ़ाया और न ही युवा छात्रों में शिक्षण के प्रति जुनून जगा सका। कई संस्थानों में सीटें खाली रहीं, और पाठ्यक्रम में आवश्यक सुधार नहीं हुए। नए एम. एड पाठ्यक्रम में शोथ और प्रायोगिक सामुदायिक संलग्नता कार्य शामिल होंगे।”

पात्रता मानदंड

एक साल के बी.एड में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों के पास चार वर्षीय स्नातक डिग्री या स्नातकोत्तर योग्यता होनी चाहिए। तीन वर्षीय स्नातक डिग्री धारकों के लिए मौजूदा दो साल के बी.एड कार्यक्रम जारी रहेंगे।

अरोड़ा ने विस्तार से बताया, “प्रत्येक मार्ग अलग-अलग व्यक्तियों के लिए है… कोई भी व्यक्ति किसी भी समय शिक्षण में आना चाहे, तो उसके लिए सही कार्यक्रम उपलब्ध होना चाहिए। एनईपी के तहत नए स्कूली शिक्षा ढांचे के अनुसार इन कार्यक्रमों में फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी स्तर की चार विशेषज्ञताएं होंगी।”

2014 के बाद कोई बदलाव नहीं

बी.एड और एम.एड पाठ्यक्रम दशकों तक एक साल के रहे, लेकिन 2014 के नियमों के तहत इन्हें दो साल कर दिया गया। इसके साथ योग शिक्षा, लैंगिक अध्ययन जैसे नए मॉड्यूल और 20 सप्ताह की इंटर्नशिप जोड़ी गई।

2015 के संसदीय जवाब में कहा गया था, “गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हमने बी. एड की अवधि बढ़ाकर इसे अधिक पेशेवर और मजबूत बनाया।” हालांकि, दो साल के एम.एड ने शिक्षक प्रशिक्षण में अपेक्षित सुधार नहीं लाए, जिसके बाद एनसीटीई ने इसके ढांचे पर पुनर्विचार किया।

नियमों में संशोधन

शिक्षक शिक्षा से जुड़े इन नियमों में 2014 के बाद कोई बड़ा संशोधन नहीं हुआ। एक साल के कार्यक्रमों को दो साल के संस्करणों का विकल्प नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने वालों को अधिक लचीलापन और विकल्प देने के लिए लाया जा रहा है।

इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी)

2023-24 में शुरू किए गए चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) को 2025-26 से नियमित पाठ्यक्रम बना दिया जाएगा। इसमें योग, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत शिक्षा और कला शिक्षा में विशेषज्ञता दी जाएगी।

अरोड़ा ने कहा, “यदि कोई हाई स्कूल के बाद शिक्षण को चुनता है, तो उसके लिए आईटीईपी है। तीन वर्षीय स्नातक के बाद यह इच्छा हो, तो दो साल का बी. एड। चार वर्षीय स्नातक या स्नातकोत्तर करने वालों के लिए एक साल का बी.एड उपलब्ध होगा।”

एनसीटीई का उद्देश्य उन चिंताओं को दूर करना है, जहां लंबे कार्यक्रमों ने शिक्षक शिक्षा के परिणामों में सुधार नहीं किया और न ही संस्थानों में सीटें भर पाईं।


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